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थप्पड़ की धमकी, बाथरूम की कैद से बंद हो गयी जुबां, असहनीय दर्द से खुले राज

मासूम छात्रा और मां-पिता के 164 के बयान पर आधारित रिपोर्ट सेंट जेवियर्स स्कूल के बंद कमरे में रोजाना होती थी अश्लील हरकतें. छात्रा को हर दिन शिक्षिकाएं करती थीं प्रताड़ित. विजय सिंह पटना : थप्पड़ की धमकी. स्कूल के बाथरूम में कैद की सजा ने मासूम छात्रा की जुबां खामोश कर दी थी. करीब […]

मासूम छात्रा और मां-पिता के 164 के बयान पर आधारित रिपोर्ट
सेंट जेवियर्स स्कूल के बंद कमरे में रोजाना होती थी अश्लील हरकतें. छात्रा को हर दिन शिक्षिकाएं करती थीं प्रताड़ित.
विजय सिंह
पटना : थप्पड़ की धमकी. स्कूल के बाथरूम में कैद की सजा ने मासूम छात्रा की जुबां खामोश कर दी थी. करीब डेढ़ महीने से वह सेंट जेवियर्स के बंद कमरे में रोजाना अश्लील हरकतों से दो-चार होती थी. उसके व्यवहार में चेंज आ गया था, पर वह अपनी बात नहीं कह पा रही थी. जब उसे असहनीय दर्द हुआ, तो उसने बड़ी मैम व छोटी मैम की करतूत के राज खोल दिये. मामले की जांच जारी है. छात्रा का परिवार इनसाफ चाहता है. इन सबके बीच कोर्ट में 164 के तहत कराये गये छात्रा, उसकी मां और पिता के बयान के आधार पर तैयार प्रभात खबर की यह रिपोर्ट.
कोर्ट में कराये गये तीन बयानों के मजमून
1 – मासूम छात्रा का बयान
सेंट जेवियर्स के एलकेजी की छात्रा ने 164 के तहत कोर्ट में जो बयान दिया है, वह दिल दहला देने वाला है. उसने कहा कि एक दिन उसने स्कूल में पोटी कर दी थी. इस पर मैम ने बाथरूम में उसे बंद कर दिया. डराती, धमकाती थी, अश्लील हरकत के बारे में घर पर बताने पर थप्पड़ मारने की धमकी देती थी. मैम कमरे में ले जाकर मीठी गोली खिला देती थीं. इसके बाद मेरे कपड़े उतार देती थीं. छोटी मैम मुझसे छेड़छाड़ करती थीं. बहुत दिनों से ऐसा करती थीं. कहती थीं कि अगर घर पर मम्मी से कहोगी तो मारेंगे.
2 – मां का बयान
जब भाई स्कूल गया तो स्कूल में ही थे
27 अक्तूबर को बेटी स्कूल से घर आयी तो बैग, ड्रेस इधर-उधर फेंक कर अपने कमरे में चली गयी. उस समय घर में मेहमान आये थे. उनके जाने के बाद जब बेटी की कमरे में गयी तो वह चुपचाप खड़ी थी, होमवर्क के बैठने को बोली तो वह बैठ नहीं पा रही थी. पूछने पर उसने दर्द होने की बात बतायी. धीरे-धीरे उसने सब बताया जो दोनों मैम करती थी. मैं शॉक्ड हो गयी. मैंने भाई को बताया तो उसने फादर से बात की. उन्होंने बताया कि वह आउट ऑफ कंट्री हैं. लेकिन, भाई जब स्कूल गया तो फादर स्कूल में ही थे. फिर फादर ने फोन किया और बुलाया. इसके बाद हमलोग उनसे मिलने गये, लेकिन वह अपने टीचर को लेकर डिफेंनसिव थे. उन्होंने गंभीरता नहीं दिखायी. फिर थाने में केस किया गया.
3 – पिता का बयान
28 अक्तूबर की सुबह पांच बजे बहन से पूरी घटना की जानकारी मिली. इस पर मैं अपने सीनियर अधिकारी से छुट्टी लेकर तत्काल पटना पहुंचा. घर जाकर बेटी से बात की, तो उसने छोटी मैम और बड़ी मैम की करतूत बतायी. कहा कि छोटी मैम कमरा बंद कर यह सब करती थी और बड़ी मैम वहां खड़ी रहती थी. पत्नी ने बताया कि पिछले कुछ महीने से बेटी को उठने-बैठने में दिक्कत हो रही थी. यह सबकुछ जानने के बाद मैंने प्रिसिंपल को उनके इ-मेल आइडी पर मेल किया. सारी शिकायत की, लेकिन चौबीस घंटे बाद भी कोई जवाब नहीं आया. फिर महिला थाने में केस किया. एक और बात कहना चाहता हूं कि बेटी ने बताया कि दो माह पहले वाइस प्रिंसिपल उसके क्लास में आये थे. उन्होंने उसके सिर पर हाथ रखा और नाम पूछा. इसी दिन से छात्रा के व्यवहार में बदलाव आ गया.
पटना. सेंट जेवियर्स हाइ स्कूल की दोनों शिक्षिकाओं इंदू आनंद और नूतन जोसेफ को पटना पुलिस ने रिमांड पर लिया है. पुलिस को 24 घंटे का रिमांड मिला है. देर शाम दोनों शिक्षिकाओं को बेऊर जेल से लाया गया गया. महिला थाने में उनसे लंबी पूछताछ चल रही थी. शिक्षिकाओं की तरफ से क्या जवाब मिला है, इस पर तो पुलिस अभी खामोश है, लेकिन इतना साफ है कि इस पूछताछ से जो जवाब निकलेंगे उससे इस केस के अनुसंधान की दिशा तय होगी. आरोपिताें की संख्या बढ़ सकती है.
पुलिस की तरफ से किये गये सवाल
इस हरकत के पीछे क्या कारण था?
आरोपित महिला शिक्षिकाओं का प्लान क्या था?
पूरे मामले में स्कूल प्रबंधन की क्या भूमिका रही?
किसी की शह पर शिक्षिकाओं ने ऐसा किया या अपने मन से?
स्कूल प्रबंधन ने मामले को दबाने का प्रयास क्यों किया?
पहले इस तरह के आरोप शिक्षिकाओं पर लगे हैं या नहीं?
सिटी एसपी को आयोग ने किया तलब
मानवाधिकार अायोग ने सिटी एसपी मध्य चंदन कुशवाहा को तलब किया है. आयोग की तरफ से नोटिस भेजी गयी है. यहां बता दें कि छात्रा के परिजनों ने आयाेग में शिकायत की थी कि शुरुआती दौर में पुलिस ने मामले को हल्के में लिया. जब वह लोग एफआइआर कराने गये, तो उन्हें कई घंटों तक थाने में बैठा कर रखा गया. इस पर 29 नवंबर को सिटी एसपी को आयोग में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने को कहा गया है.
आरोपित छात्र ने कोर्ट में किया सरेंडर
सेंट जेवियर्स स्कूल के दूसरे मामले में भी जांच तेजी से की जा रही है. मामले की जांच कर रहे डीएसपी टाउन कैलाश प्रसाद ने बताया कि आरोपित छात्र ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. जबकि दूसरे छात्र के मामले में इश्तेहार तामील होने के बाद कोर्ट ने नो कोरसिव लगा दिया है. इसके अलावा स्कूल की तरफ से जिन दो शिक्षकों का नाम आया है, उसमें उनकी भूमिका की जांच की जा रही है. यहां बता दें कि स्कूल की ही छात्रा के अभिभावक ने अगस्त माह में ही कुल चार लोगों पर एफआइआर दर्ज करायी थी, जिसकी जांच जारी रही है.
पटना. संत जेवियर्स मामले में अब तक हुए न्याय से अभिभावक खुश नहीं हैं. गुरुवार को पीड़ित बच्ची के अभिभावक ने जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल से मिल कर तुरंत कार्रवाई कराने की गुहार लगायी. वे अपनी बच्ची का दूसरे स्कूल में नामांकन चाहते हैं, जिसको लेकर डीएम ने आश्वासन भी दिया है. डीएम ने कहा कि बच्ची का नामांकन कराया जायेगा और अगर आप उस स्कूल में बच्ची को नहीं पढ़ाना चाहते हैं, तो उसका रास्ता जिला प्रशासन की ओर से निकाला जायेगा. मिली जानकारी के मुताबिक डीएम को पूरी घटनाक्रम के बारे में अभिभावकों ने बताया और उन्होंने इस गलती के लिए प्राचार्य को भी दोषी ठहराया, क्योंकि उनकी बातों को स्कूल में नहीं सुना गया और आखिरकार उनको पुलिस में जाना पड़ा. दूसरी ओर जिलाधिकारी की ओर से बनायी गयी जांच कमेटी में शामिल एसडीओ
पटना सदर माधव कुमार सिंह, डीपीओ राम सागर सिंह और बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक ममता झा ने अपनी संयुक्त रिपोर्ट जिलाधिकारी को देर शाम सौंप दी है. अब शुक्रवार को डीएम इस मामले पर अपना निर्णय लेते हुए बच्ची का किसी दूसरे स्कूल में नामांकन करायेंगे और बाल संरक्षण आयोग के तहत क्या मामला बनता है, उसे भी देखेंगे. जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर शुक्रवार को आगे की कार्रवाई होगी और बच्ची का नामांकन जिला प्रशासन अपनी ओर से करायेगा. फिलहाल पुलिस अपनी ओर से कार्रवाई कर रही है.

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