अधिकारियों को बनाया बंधक

एनएच निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग मधेपुरा : मधेपुरा-सिंहेश्वर एनएच 106 पर चल रहे निर्माण की घटिया गुणवत्ता के कारण मंगलवार देर रात ग्रामीणों ने पथराहा के पास एनएच मधेपुरा डिवीजन के एसडीओ अनिल कुमार, जेइ महेंद्र नारायण मंडल व क्वालिटी कंट्रोलर मो मुश्ताक को बंधक बना लिया. ग्रामीणों ने पुलिस के पहुंचने व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 13, 2014 2:58 AM

एनएच निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग

मधेपुरा : मधेपुरा-सिंहेश्वर एनएच 106 पर चल रहे निर्माण की घटिया गुणवत्ता के कारण मंगलवार देर रात ग्रामीणों ने पथराहा के पास एनएच मधेपुरा डिवीजन के एसडीओ अनिल कुमार, जेइ महेंद्र नारायण मंडल व क्वालिटी कंट्रोलर मो मुश्ताक को बंधक बना लिया.

ग्रामीणों ने पुलिस के पहुंचने व निर्माण कार्य तत्काल बंद करने के आश्वासन के बाद ही इन पदाधिकारियों को छोड़ा. गौरतलब है कि एनएच 106 पर मधेपुरा-सिंहेश्वर के बीच सड़क काफी जजर्र हो चुका था और लगातार यहां सड़क हादसे हो रहे थे. जबकि इस सड़क पर सिंहेश्वर प्रखंड के बुढ़ावे और जिला मुख्यालय स्थित बीपी मंडल चौक तक निर्माण की निविदा प्रक्रिया दिसंबर माह में ही पूरी कर जनवरी के प्रथम सप्ताह में ही निर्माण कार्य एजेंसी ने विभाग के साथ कांट्रेक्ट पर साइन भी कर दिया था.

इसके बाद निर्माण कार्य शुरू नहीं हो रहा था. बाद में शरद यादव की घोषणा कि 27 फरवरी को सिंहेश्वर मेला शुरू होने से पहले निर्माण पूरा हो जायेगा, विभाग ने आनन फानन में फरवरी माह के दूसरे सप्ताह से काम शुरू किया. मंगलवार को देर शाम निर्माण कार्य पर आक्रोश जताते हुए बी राणा के क्लिनिक से पहले ग्रामीण एकत्रित हो गये.

इतने में कोलतार मिक्स स्टोन चिप्स ले कर रात करीब नौ बजे जैसे ही गाड़ी वहां पहुंची तो ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए गाड़ी से मिक्सचर उतारने से मना कर दिया और हंगामा करने लगे. लोग जिलाधिकारी को भी इस बात की सूचना फोन से देने लगे. करीब साढ़े नौ बजे एनएच मधेपुरा डिवीजन के एसडीओ अनिल कुमार, जेइ महेंद्र ना मंडल और क्वालिटी कंट्रोलर मौके पर पहुंचे.

ग्रामीणों ने इन अधिकारी को बंधक बना लिया. ग्रामीणों का कहना था कि निर्माण एजेंसी निमA स्तर की गुणवत्ता से सड़क बना रही है. इस पर अधिकारी केवल खानापूर्ति ही कर रहे हैं. वहीं अधिकारी मान रहे थे कि निर्माण घटिया हो रहा है लेकिन इसकी जांच होगी. करीब साढ़े 11 बजे रात जब पुलिस यहां पहुंची.

पुलिस ने भी ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया लेकिन वे अधिकारियों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे. इसके बाद मिक्सचर लदी गाड़ी को वापस ले जाने और घटिया निर्माण कार्य पर कार्रवाई करने के आश्वासन के बाद ही ग्रामीणों ने अधिकारियों को छोड़ा. ग्रामीण प्रमोद कुमार यादव, सजंय यादव, मिंटू कुमार, रविशंकर, उमेश, अमोद, कुंदन यादव, कृष्णदेव यादव, कुणाल यादव, बलराम यादव, गणोश यादव, शिवशंकर यादव, दिनेश यादव, मनोज यादव आदि ने कहा कि निर्माण कार्य एजेंसी को एनएच पर बने गहरे गढ्डों में पहले ठीक से भरना चाहिए था.

वहीं दूसरी ओर अधिकारियों ने बताया कि सड़क पर पहले स्टोन चिप्स की 50 मिलीमीटर मोटी परत देना है. इसके बाद दूसरी परत जिसे बीसी कहते हैं उसे 30 एमएम डालना है. ग्रामीणों का रोष इसी बात से था कि जब अधिकरी जानते हैं कि गुणवत्ता का मानदंड क्या है इसके बावजूद वे खराब गुणवत्ता कार्य कैसे होने दे रहे हैं. ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा कि अगर निर्माण नहीं सुधारा गया तो वे उग्र आंदोलन करेंगे.

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