इनामी अपराधी संतोष झा कोलकाता से गिरफ्तार
बिहार पिपुल्स लिबरेशन आर्मी का संस्थापक सीतामढ़ी : बिहार पुलिस के लिए चुनौती बने इनामी अपराधी संतोष झा गिरफ्तार कर लिया गया है. उसे कोलकाता से बिहार एसटीएफ ने गिरफ्तार किया. पिछले 10 सालों से संतोष व उसके गुर्गो का आतंक उत्तर बिहार के कई जिलों में था. उस पर एक लाख का इनाम घोषित […]
बिहार पिपुल्स लिबरेशन आर्मी का संस्थापक
सीतामढ़ी : बिहार पुलिस के लिए चुनौती बने इनामी अपराधी संतोष झा गिरफ्तार कर लिया गया है. उसे कोलकाता से बिहार एसटीएफ ने गिरफ्तार किया. पिछले 10 सालों से संतोष व उसके गुर्गो का आतंक उत्तर बिहार के कई जिलों में था. उस पर एक लाख का इनाम घोषित था. संतोष अपराधियों का सिंडिकेट बना कर लेवी वसूल रहा था.
पहले वह माओवादी संगठन से जुड़ा था. एरिया व जोनल कमांडर रहा. इसके बाद वह माओवादियों से अलग हो गया और बिहार पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की सेना बना ली.
संतोष की गिरफ्तारी पश्चिम बंगाल के 24 साउथ परगना के विशुनपुर से हुई है. उसे विमान से कोलकाता से पटना लाया गया है. चर्चा है कि संतोष को सीतामढ़ी की कोर्ट में पेश किया जायेगा, क्योंकि यहीं पर उसके खिलाफ सबसे ज्यादा मामले दर्ज हैं. उसे गोपालगंज पुलिस भी रिमांड पर लेगी. संतोष ने लिबरेशन आर्मी के अलावा परशुराम सेना का सरगना है.
दोनों ही संगठनों पर सरकार ने बैन लगा रखा है. संतोष झा शिवहर के पुरनहिया थाने के दोस्तियां गांव का रहनेवाला है. 2003 में संतोष ने जब उसके परिवार पर जुल्म ढाने वालों का विरोध शुरू किया, तो देखते-ही-देखते इलाके का नायक बन गया था.
समाज के दबे-कुचले लोग उसे अपने मसीहा के तौर पर देखने लगे. बदले की आग में सुलग रहे संतोष ने ताबड़तोड़ नक्सली घटनाओं को अंजाम दिया. इससे उसका कद बढ़ता चला गया. माओवादी संगठन में पहले उसे एरिया कमांडर और फिर जोनल कमांडर की जिम्मेवारी मिली.
2006 में पुलिस के हत्थे चढ़ने के बाद संतोष लंबे समय तक जेल में रहा. 2009 में जेल से जमानत पर बाहर आया. जेल से बाहर निकले के बाद उसने नवल राय की हत्या कर दी. इसके बाद उसने अपना खुद का संगठन खड़ा कर लिया, जिसका नाम दिया बिहार पिपुल्स लिबरेशन आर्मी. सीतामढ़ी पुलिस ने पिछले महीनों से संतोष के रिश्तेदारों के तकरीबन 77 लाख रुपये की संपत्ति नवंबर 2013 में जब्त की गयी.