पटना: मानव व्यापार संगठित अपराध है. इसको रोकने के लिए संबंधित लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने की जरूरत है. इससे जुड़े लोगों की संपत्ति को जब्त कर उनके विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की जायेगी. ये बातें डीजीपी अभयानंद ने एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट में एटीएसइसी, बिहार द्वारा आयोजित राज्यस्तरीय पुलिस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कहीं.
उन्होंने कहा, मानव व्यापार से जुड़े अपराधी गरीबों को पैसे, भोजन व अच्छी जिंदगी का प्रलोभन देते हैं. इसके लालच में आकर गरीब माता-पिता अपने बच्चों को उनके साथ भेज देते हैं. इसके बाद वे बच्चों व लड़कियों को बंधुआ मजदूरी, वेश्यावृत्ति व मानव अंग की सप्लाइ में इस्तेमाल करते हैं.
इसके लिए लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है. एनडीआरएफ के पूर्व डीजीपी डॉ पीएम नायर ने कहा कि मानव व्यापार पर रोक लगाने के लिए पुलिस के साथ ही आम लोगों को भी सहयोग करने की आवश्यकता है. मानव व्यापार यौन शोषण, बंधुआ मजदूरी, अंग व्यापार, जबरन शादी, सर्कस, भीख मांगने के लिए, नक्सली में भरती, ऊंट दौड़ के लिए किये जाते हैं. मौके पर एडीजी (सीआइडी) एके उपाध्याय, आइजी (कमजोर वर्ग) आलोक राज, एसपी किम, डीएसपी शीला ईरानी, जिला अभियोजन अधिकारी आरएन ठाकुर, अभियोजन पदाधिकारी धीरेंद्र प्रसाद मिश्र व अभियोजन अफसर रजीत शंकर प्रसाद मौजूद थे.