बिहार में 31 जनवरी तक होगा 9000 किमी लंबाई में ग्रामीण सड़कों का निर्माण, इंजीनियरों को दिया गया निर्देश
ग्रामीण कार्य विभाग ने अपने सभी अभियंताओं को इस नौ हजार किमी लंबाई में सड़कों का निर्माण बेहतर तरीके से समय सीमा में करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही विभाग ने जर्जर सड़क की निर्माण प्रक्रिया पर भी काम करने का निर्देश दिया है.
बिहार में करीब नौ हजार किमी ग्रामीण सड़कों का निर्माण 31 जनवरी 2024 तक होगा. इसमें करीब चार हजार किमी लंबाई में सड़कों का निर्माण 30 जून तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इनका निर्माण अभी कार्य चल रहा है. वहीं अन्य पांच हजार किमी लंबाई में सड़कों का निर्माण शुरू करने को लेकर प्रक्रिया चल रही है. बरसात के पहले इनका अधिक- से- अधिक काम पूरा करने का निर्देश दिया गया है. इन सड़कों के निर्माण का मकसद राज्य के अधिक से अधिक बसावटों और टोलों को सड़क की कनेक्टिविटी देना है.
जर्जर सड़क की लंबाई करीब 17 हजार किमी चिह्नित
सूत्रों के अनुसार ग्रामीण कार्य विभाग ने अपने सभी अभियंताओं को इस नौ हजार किमी लंबाई में सड़कों का निर्माण बेहतर तरीके से समय सीमा में करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही विभाग ने सभी अभियंताओं से कहा है कि करीब आठ से दस साल पुरानी और जर्जर सड़क की लंबाई करीब 17 हजार किमी चिह्नित की गई है. इन सड़कों के निर्माण की प्रक्रिया पर भी जल्द काम शुरू करने का निर्देश दिया गया है.
पीएमजीएसवाई की 126 किमी लंबाई में सड़कों का निर्माण 30 जून तक करने का निर्देश
ग्रामीण कार्य विभाग ने अपने सभी अभियंताओं से कहा है कि राज्य में पीएमजीएसवाई के तहत हो रही सड़कों के निर्माण में से करीब 126 किमी लंबाई में सड़कों का निर्माण 30 जून तक पूरा कर लें. इस योजना के तहत करीब 63 छोटे पुलों का भी निर्माण होना है.
बेहतर आवागमन की होगी सुविधा
सड़क बनाने का मकसद ग्रामीण इलाकों में बेहतर आवागमन सुविधा विकसित करना है. इससे ग्रामीणों को कृषि सहित रोजी-रोजगार और व्यापार में मदद मिलेगी. पिछले दिनों इन सड़काें को बेहतर बनाने के लिए विभागीय अधिकारियों और इंजीनियरों की बैठक हुई थी. उस बैठक में सड़कों को बेहतर बनाने का निर्णय लिया गया था.
ग्रामीणों को होगी सुविधा
राज्य के ग्रामीण इलाकों में खेती-बाड़ी होने और तैयार अनाज को मंडी या बाजार तक पहुंचने के लिए बेहतर सड़कों की आवश्यकता होती है. ऐसे में ग्रामीण सड़कों की चौड़ाई बढ़ने सहित उनका मेंटेनेंस होने से ग्रामीण इलाकों के लाेगों को यातायात की बेहतर सुविधा मिल सकेगी. और साथ ही किसान अपने फसलों को भी आसानी से मंडी तक ले जा पाएंगे.