पटना: बजट से पहले सभी वर्गो के लोगों से परामर्श करने की परंपरा को इस बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तोड़ दिया. उन्हें लगा कि गंठबंधन टूटने के बाद भी इस परंपरा को जारी रखने से भाजपा को श्रेय मिल जायेगा.
मेरे वित्त मंत्री रहते यह परंपरा शुरू हुई थी. इस बार बिना जन परामर्श के ही सीएम बजट पेश करेंगे. ये बातें भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील मोदी ने कहीं. उन्होंने कहा कि बिहार की आर्थिक स्थिति पर जो सव्रेक्षण रिपोर्ट आयी है, उनमें अधिकतर उपलब्धियां तो गंठबंधन सरकार के समय की हैं.
आर्थिक सव्रेक्षण में विकास दर के अनुमान पर चुप्पी साध ली गयी है. 2014 का डीपीएस क्या है, सरकार को बताना चाहिए था. और-तो-और आर्थिक सव्रेक्षण की अंगरेजी में प्रतियां भी नहीं छपवायी गयीं. अधिकतर लोग अंगरेजी में ही आर्थिक सव्रेक्षण रिपोर्ट पेश करते हैं. मौके पर विधानसभा में विपक्ष के नेता नंद किशोर यादव भी मौजूद थे.