गया से बहन के घर आयी युवती ने कर ली खुदकुशी

लोहानीपुर के पेरिस लेन की घटना, बहन-बहनाेई गये थे काम पर, बच्चे गये थे स्कूल पटना : कदमकुआं थाने के लोहानीपुर पेरिस लेन में 18 साल की नाबालिग युवती प्रिया उर्फ रितु ने खुदकुशी कर ली. उसने दुपट्टे से फांसी लगायी. घटना के समय घर में कोई नहीं था. छात्रा मूल रूप से गया के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2016 6:02 AM
लोहानीपुर के पेरिस लेन की घटना, बहन-बहनाेई गये थे काम पर, बच्चे गये थे स्कूल
पटना : कदमकुआं थाने के लोहानीपुर पेरिस लेन में 18 साल की नाबालिग युवती प्रिया उर्फ रितु ने खुदकुशी कर ली. उसने दुपट्टे से फांसी लगायी. घटना के समय घर में कोई नहीं था. छात्रा मूल रूप से गया के गुरारू की रहनेवाली है और 15 दिन पहले ही बड़ी बहन रेखा के पास आयी थी.
बहन व जीजा कई सालों से उस इलाके में मनोज कुमार के मकान में किराये पर रह रहे हैं. जीजा मिथिलेश कुमार नाला रोड में फर्नीचर की दुकान में काम करता है. प्रिया के पिता कुंज बिहारी गया में ही रहते हैं. मृतक बीए पार्ट वन की छात्रा थी. पुलिस के अनुसार गले में दुपट्टे के निशान स्पष्ट होने के कारण प्रथम दृष्टया खुदकुशी का मामला लगता है.
पुलिस ने वहां से उसका मोबाइल भी बरामद किया है, हालांकि वह लॉक होने के कारण फिलहाल नहीं खुल सका है. पुलिस इस मामले में हर बिंदु पर छानबीन कर रही है. कमरे से कोई सुसाइडल नोट नहीं मिला है. पुलिस को यह पता चला है कि घटना के पूर्व वह मोबाइल पर किसी से झगड़ा कर रही थी. कदमकुआं थानाध्यक्ष गुलाम सरवर ने बताया कि युवती की उम्र 18 साल है और उसने खुदकुशी कर ली है.
बच्चे स्कूल से आये, तो कमरा खुला था : बताया जाता है कि बहन रेखा देवी और बहनोई मिथिलेश कुमार प्रतिदिन की तरह 11 बजे अपने घर से काम करने के लिए चले गये.
रेखा देवी कदमकुआं इलाके में ही एक बुटिक में सिलाई-कढ़ाई का काम करती है. बच्चे जब तीन बजे स्कूल से घर पर लौटे, तो पाया कि कमरे का दरवाजा खुला हुआ था. इसके बाद उन लोगों ने हो-हल्ला मचाया तो सभी जुट गये. इसके बाद रेखा देवी और मिथिलेश कुमार को भी फोन से जानकारी दी गयी और वे लोग भी वहां पहुंचे. इसके बाद पुलिस को भी मामले की जानकारी दी गयी.
इस पर कदमकुआं थाना पुलिस पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. रेखा देवी ने बताया कि वह 15 दिन पहले ही यहां आयी थी. उसकी इच्छा थी कि वह भी सिलाई-कढ़ाई का काम सीखे. इसके बाद उसके पिता कुंज बिहारी खुद पहुंच गये थे. सुबह में जब वे लोग अपने-अपने काम पर निकले तो भी ऐसा नहीं लगा कि उसे किसी प्रकार की समस्या है.

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