बीमा कंपनियों पर होगी कानूनी कार्रवाई : सीएम

पटना .बिहार के किसानों के हित में काम न करनेवाली बीमा कंपनियों पर सरकार कानूनी कार्रवाई करेगी. बीमा कंपनियों का रवैया ठीक नहीं है. इस मामले पर विधि विशेषज्ञों से राय ली जा रही है. विपक्ष इस मसले पर सरकार को सहयोग दे. ये बातें शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहीं. इससे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 23, 2014 7:22 AM

पटना .बिहार के किसानों के हित में काम न करनेवाली बीमा कंपनियों पर सरकार कानूनी कार्रवाई करेगी. बीमा कंपनियों का रवैया ठीक नहीं है. इस मामले पर विधि विशेषज्ञों से राय ली जा रही है. विपक्ष इस मसले पर सरकार को सहयोग दे. ये बातें शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहीं. इससे पहले भाजपा के अश्विनी कुमार चौबे ने पूर्व मंत्रियों गिरिराज सिंह व रामाधार सिंह पर लगाये गये घोटाले के आरोप को लेकर मुख्यमंत्री से माफी मांगने की मांग की.

मुख्यमंत्री ने कहा, मैंने न तो आरोप लगाया और न ही इस सिलसिले में कोई बात कही. फिर मैं बीच में कहां हूं. मैंने कुछ कहा ही नहीं, तो फिर सफाई क्यों दूं. उन्होंने कहा कि सदन में एक-दूसरे पर जिस तरह से निचले स्तर के आरोप लगाये गये, वह मुङो कहीं से ठीक नहीं लगा.

सदन में किसी पर व्यक्तिगत आरोप नहीं लगने चाहिए. उन्होंने तो कल ही विधानसभा अध्यक्ष से विधायकों द्वारा एक-दूसरे पर लगाये गये व्यक्तिगत आरोप और आक्षेपों को प्रोसिडिंग से बाहर करने का आग्रह किया था. उन्होंने कहा कि वर्ष 2012-13 के फसल व पशु बीमा पर कई सवाल खड़े किये गये. इस मामले को मैंने गंभीरता से लिया है. सदन में व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप न लगे, इस मुद्दे पर सभी दलों के विधायकों को बैठ कर रास्ता निकालना होगा. भाजपा के दो विधायकों के अनशन पर बैठने पर उन्होंने दुख जताया और कहा कि विधायक बाहर बैठे रहें, मुङो अच्छा नहीं लगता.

ऐसे आरोप-प्रत्यारोप हुए, तो गंभीर निर्णय : विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने कहा कि सदन में जातिसूचक नाम लेकर आरोप-प्रत्यारोप नहीं लगने चाहिए. इस तरह के आरोप-प्रत्यारोप यदि आगे हुए, तो आसन गंभीर निर्णय ले सकता है. विधायकों द्वारा जातिसूचक और अमर्यादित भाषा में लगाये गये आरोप- प्रत्यारोपों को कार्यवाही से बाहर किया जा चुका है. भाजपा के अश्विनी चौबे ने कहा कि सदन में अमर्यादित बातें हों, यह कहीं से उचित नहीं है, किंतु उस तरह की बातें क्यों उठती हैं, सत्ता पक्ष व विपक्ष को इस पर मंथन करने की जरूरत है.

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