18 साल से अनुमति मांग रहा सीबीआइ

नरेंद्र चारा घोटाला मामले में आधा दर्जन कर्मियों के खिलाफ नहीं प्रारंभ हो पा रहा ट्रायल मुख्य सचिव को लिखा पत्र पटना : सरकार जहां भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए भ्रष्ट लोक सेवकों को सेवा से बरखास्त करने तथा रिटायर्ड भ्रष्ट लोक सेवकों की पेंशन जब्त करने के निर्णय पर तेजी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 24, 2014 4:49 AM

नरेंद्र

चारा घोटाला मामले में आधा दर्जन कर्मियों के खिलाफ नहीं प्रारंभ हो पा रहा ट्रायल

मुख्य सचिव को लिखा पत्र

पटना : सरकार जहां भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए भ्रष्ट लोक सेवकों को सेवा से बरखास्त करने तथा रिटायर्ड भ्रष्ट लोक सेवकों की पेंशन जब्त करने के निर्णय पर तेजी से अमल कर रही है, वहीं बहुचर्चित चारा घोटाला के आरोपितों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति को लेकर सीबीआइ को बार-बार चिट्ठी लिखनी पड़ रही है.

मामला चारा घोटाला (1996) का है. पटना के आधा दर्जन कर्मियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति सरकार से नहीं मिलने के कारण सीबीआइ कोर्ट में ट्रायल शुरू नहीं हो पाया है. सीबीआइ ने हाल ही में मुख्य सचिव को मुकदमा का ट्रायल शुरू नहीं होने संबंधित पत्र लिखा है.

गृह विभाग ने पूछा, कौन है जिम्मेवार : मुख्य सचिव के निर्देश पर गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिख कर आरोपित कर्मियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देकर सीबीआइ को सूचित करने को कहा है. गृह विभाग ने कहा है कि किन कारणों से अब तक मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी गयी है. इसके लिए जिम्मेवार अधिकारियों को चिह्न्ति कर कार्रवाई की जाये.

इधर, सामान्य प्रशासन को जानकारी नहीं है कि आरोपित कर्मचारी सेवा में हैं या रिटायर हो गये हैं. अब इन लोगों की फाइल खंगाली जा रही है. पटना समाहरणालय से भी इन कर्मचारियों की जानकारी मांगी गयी है.

Next Article

Exit mobile version