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सैफी ने दिसंबर में अपनी जान पर खतरे को भांपते हुए फुलवारीशरीफ थाने में कराया था मामला दर्ज
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…तो क्या पुलिसिया लापरवाही से पटना में हुई दारोगा पुत्र सैफी की हत्या, क्या कहते हैं पिता पढ़ें!
सैफी ने दिसंबर में अपनी जान पर खतरे को भांपते हुए फुलवारीशरीफ थाने में कराया था मामला दर्ज पटना : बिहार की राजधानी पटना की फुलवारीशरीफ पुलिस अगर दारोगा पुत्र सैफी के आवेदन को गंभीरता से लेती और नामजदों के खिलाफ समय रहते कार्रवाई कर देती, तो शायद सैफी की हत्या नहीं होती. इस बात […]
पटना : बिहार की राजधानी पटना की फुलवारीशरीफ पुलिस अगर दारोगा पुत्र सैफी के आवेदन को गंभीरता से लेती और नामजदों के खिलाफ समय रहते कार्रवाई कर देती, तो शायद सैफी की हत्या नहीं होती. इस बात की आशंका सैफी के भाई फैजी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए जतायी है. बीते सप्ताह शुक्रवार की आधी रात को फुलवारीशरीफ थाना क्षेत्र स्थित ईसापुर के रहमत नगर में हुए मो सैफी हुसैन उर्फ़ फैजान हुसैन हत्याकांड में पिता दारोगा फ़िदा हुसैन ने नौ लोगों को नामजद करते हुए फुलवारीशरीफ थाने में मामला दर्ज कराया है .
इधर, सैफी के भाई की मानें, तो सैफी ने 19 दिसंबर, 2016 को फुलवारीशरीफ थाने में नया टोला निवासी वसी, पिता मो शमशाद, चिंटू, पिता कालो, माइकल, अब्दुल, इम्तेयाज, साहराना व सन्नी को नामजद कराते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें सैफी ने अपनी जान पर खतरे की आशंका जताते हुए यह लिखा था कि नामजदों ने उसके साथ मारपीट की और पिस्तौल भिड़ा आकर पुलिस का खबरी होने का आरोप लगाते हुए जान से मारने की धमकी दी थी. पुलिस ने सैफी के इस आवेदन को गंभीरता से नहीं लिया, जिस कारण सैफी को गोलियों से छलनी कर दिया गया.
पुलिस ने सैफी के जिगरी दोस्त और मुर्गा दुकान चलानेवाले बादशाह सहित दो युवकों को ईसापुर की फेडरल कॉलोनी से गिरफ्तार किया है. पुलिस का मानना है कि बादशाह से इस हत्याकांड में अहम सुराग मिल सकते हैं. सैफी की हत्या के बाद उसके परिजनों ने पुलिस को बताया था कि हाल के दिनों उसका ज्यादा समय मुर्गा दुकान पर ही गुजरता था. हत्या वाली रात सैफी को शाम सात बजे के करीब मुर्गा दुकान पर बैठे हुए देखा भी गया था .
हत्या की डर से रहमत नगर में छिप कर रह रहा था
परिजनों ने कहा कि पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं किये जाने और अपराधियों की धमकी के डर से सैफी अपने घर से दूर रहमत नगर में छिप कर रहने लगा था. वह 10 दिनों से अर्धनिर्मित मकान में रह रहा था.सैफी के परिजनों ने यह भी बताया कि करीब एक माह से सैफी अपने घर छोड़ कर अलग जहां-तहां रह रहा था. पहले मो सैफी ईसापुर में टीवी मैकेनिक की दुकान खोल कर इलेक्ट्रॉनिक्स मिस्त्री का काम करता था. सैफी के भाई फैजी ने बताया कि फुलवारीशरीफ एएसपी राकेश कुमार के खिलाफ इस हत्याकांड में फुलवारीशरीफ थाने में मामला दर्ज कराने गये उनके पिता दारोगा फ़िदा हुसैन को थानेदार मुस्तफा कमाल कैसर द्वारा बहला फुसला कर एफआइआर को बदल दिया गया. पुलिस सैफी हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए उसके मोबाइल के कॉल डिटेल्स खंगाल रही है.इस मामले को लेकर एएसपी राकेश कुमार ने बात करने पर बताया कि सैफी के पिता फ़िदा हुसैन द्वारा इस मामले में नौ लोगों को नामजद किया गया है, जिनमें वसी, चिंटू, इम्तेयाज, माइकल, अब्दुल, सन्नी, असद, जाहिद व शाहिद शामिल हैं . इनमें दो सगे भाइयों शाहिद एवं जाहिद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
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