जांच टीम ने की नाव हादसे की पड़ताल

छानबीन : मौके पर स्थानीय लोगों व तैनात मजिस्ट्रेट-पुलिस पदाधिकारियों से की पूछताछ दो घंटे तक घटना के कारणों की हुई जांच पटना : 14 जनवरी को हुए नाव हादसे के बाद सरकार की ओर से बनायी गयी जांच टीम में शामिल आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत और डीआइजी सेंट्रल शालीन ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2017 7:04 AM
छानबीन : मौके पर स्थानीय लोगों व तैनात मजिस्ट्रेट-पुलिस पदाधिकारियों से की पूछताछ
दो घंटे तक घटना के कारणों की हुई जांच
पटना : 14 जनवरी को हुए नाव हादसे के बाद सरकार की ओर से बनायी गयी जांच टीम में शामिल आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत और डीआइजी सेंट्रल शालीन ने मंगलवार को सबलपुर दियारे और पतंगोत्सव कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया. जांच टीम करीब 10.30 बजे एनआइटी घाट पर पहुंची और फिर एनडीआरएफ की बोट से सबलपुर दियारा पहुंची. उनके साथ एडीएम, सदर एसडीओ, टाउन डीएसपी और अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे. दोनों अधिकारियों ने स्थानीय लोगों और तैनात किये गये मजिस्ट्रेट व पुलिस पदाधिकारियों से पूछताछ की. प्रत्यय अमृत ने बताया कि इस घटना के बाद उन लोगों द्वारा कागजातों की प्रारंभिक जांच की गयी थी. वे लाेग आज घटनास्थल पर विस्तारपूर्वक जांच की. इस माह के अंदर सरकार को सौंप दी जायेगी. प्रत्यय अमृत और डीआइजी सेंट्रल शालिन ने बताया सारण के अधिकारियों के साथ-साथ इनलैंड वाटरवेज के प्रबंधकों के साथ भी विस्तार से घटना के संबंध में बातचीत की गयी है.
तीसरे दिन भी चला रेस्क्यू ऑपरेशन
पटना.सबलपुर दियारे में नाव हादसे के बाद 24 शव निकाले गये थे. उनकी पहचान भी हो चुकी है. हालांकि, और भी शवों के होने की संभावनाओं को देखते हुए एनडीआरएफ की दो टीमें लगातार सबलपुर दियारे से लेकर फतुहा तक ऑपरेशन चला रही हैं. एनडीआरएफ की एक टीम में पदाधिकारी समेत 45 जवान शामिल हैं. यह टीम मंगलवार को लगातार आठ मोटरबोटों की मदद से शव को खोजने के लिए तलाशी अभियान चला रही थी. जिस जगह पर नाव डूबी थी, वहां से नाव को निकाल लिया गया है और उस इलाके के आगे-पीछे तमाम जगहों पर गंगा के अंदर तलाशी की जा चुकी है. अब एनडीआरएफ की टीम लगातार सबलपुर दियारे से लेकर फतुहा तक मोटरबोट से भ्रमण कर रही है और तमाम घाटों की पड़ताल कर रही है.
एसएसपी मनु महाराज ने जारी की अधिसूचना
पटना : सबलपुर दियारे में हुए हादसे के बाद अब नदी थाने को सक्रिय करने की कवायद शुरू कर दी गयी है. इस थाने को वर्ष 2014 में प्राथमिकी दर्ज करने का अधिकार प्रदान किया गया, लेकिन प्राथमिकी के आवश्यक कागजात उपलब्ध नहीं कराये गये थे. इसके साथ ही केवल गंगा नदी ही इस थाना क्षेत्र में था. अब इस थाने से 16 गांवों को भी जोड़ा गया है.
इस संबंध में मंगलवार को अधिसूचना जारी की गयी और प्राथमिकी करने से संबंधित कागजात वहां के थानाध्यक्ष वर्ल्डजीत को उपलब्ध करा दी गयी. 16 गांवों में से पांच दीदारगंज थाने के हैं और 11 गांव फतुहा थाने के.
एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि न अब इस थाने से फतुहा व दीदारगंज के 16 गांवों को जोड़ दिया गया है. नदी थाना का निर्माण गंगा नदी के माध्यम से अवैध गांजा, शराब व हथियारों की तस्करी और आेवरलोडिंग को राेकने के लिए 20 मई, 2011 को किया गया था. 50 लाख रुपये खर्च कर फतुहा के मौजीपुर इलाके में भवन भी बनाया गया था. लेकिन इसे न तो कोई अधिकार दिया गया था और न ही इस थाने को अपना क्षेत्र पता था.
पहले यह थाना मात्र एक थानाध्यक्ष के भरोसे चलता था. बाद में 10 जवान और एक स्टीमर दी गयी. स्टीमर का चालक रवींद्र भी निजी तौर पर ही रखा गया. इस चालक को भी कई माह तक पैसे भी नहीं मिले. हालांकि, एसएसपी की पहल पर अब वेतन मिल रहा है. खास बात यह है कि उक्त स्टीमर से गश्ती के लिए मात्र 50 लीटर तेल ही एक माह में मिलता है.

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