जमीन विवाद में बमबारी और गोलीबारी

पटना सिटी : सुल्तानगंज थाना क्षेत्र की आंबेडकर कॉलोनी में बुधवार की सुबह लगभग नौ बजे उस समय हंगामा शुरू हो गया, जब 1992 में सरकार से मिली पांच डिसमिल जमीन पर निर्माण कार्य कराया जा रहा था.इसी समय लगभग डेढ़ सौ की संख्या में दबंग लाठी-डंडा व हथियार से लैस होकर पहुंचे और निर्माण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 19, 2017 6:49 AM
पटना सिटी : सुल्तानगंज थाना क्षेत्र की आंबेडकर कॉलोनी में बुधवार की सुबह लगभग नौ बजे उस समय हंगामा शुरू हो गया, जब 1992 में सरकार से मिली पांच डिसमिल जमीन पर निर्माण कार्य कराया जा रहा था.इसी समय लगभग डेढ़ सौ की संख्या में दबंग लाठी-डंडा व हथियार से लैस होकर पहुंचे और निर्माण कार्य को रोकवा दिया और इसके बाद निर्माण कार्य में लगे लोगों के साथ मारपीट की. निर्माण कार्य में लगे गोपी कुमार का कहना है कि दहशत फैलाने के लिए दो बम भी फोड़े गये और हवाई फायरिंग भी की गयी. दबंगों ने लाठी-डंडा व ईंट- पत्थर जम कर चलाये. दबंगों की इस कार्रवाई के बाद आंबेडकर कॉलोनी के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. आक्रोशित लोगों ने चौधरी टोला खजूरबन्ना के पास 11:30 बजे अशोक राजपथ को जाम कर दिया. हालांकि, मामले को नियंत्रित करने के लिए आसपास के थानाें के गश्ती दल व अतिरिक्त पुलिस बल के साथ ब्रज वाहन बुलाये गये. घटनास्थल पर नगर पुलिस अधीक्षक सायली व अंचलाधिकारी शमी अख्तर महजबीं भी जांच-पड़ताल को पहुंचीं.
दर्ज होगी प्राथमिकी : हंगामा व टकराव की बात सुन मौके पर पहुंचीं नगर पुलिस अधीक्षक सायली ने बताया कि पीड़ितों के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. बमबारी व फायरिंग हुई है कि नहीं, इस मामले में एफएसएल की टीम को बुलाया गया है. हालांकि, थानाध्यक्ष ने फायरिंग व बम फोड़ने की घटना से इनकार किया है.
दूसरी ओर, एसडीओ योगेंद्र सिंह के निर्देश पर मामले की जांच के लिए पटना सदर के अंचालाधिकारी शमीम अख्तर महजबीं भी घटनास्थल पर पहुंचीं. अंचलाधिकारी का कहना है कि रैयती जमीन है, जिस पर किसी को भी बसाया जा सकता है. मामले में अभी जांच -पड़ताल की जा रही है.
घटना के वक्त दारोगा कर रहे थे जांच : सुल्तानगंज की आंबेडकर कॉलोनी में हंगामे के समय थाने के एक दारोगा मामले की जांच तीन आरक्षी के साथ कर रहे थे. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि दबंग जब बम फोड़ने लगे, तो कार्रवाई के बदले दारोगा भी पुलिसकर्मी के साथ निकल गये. हालांकि, थानाध्यक्ष ऐसी बात से इनकार कर रहे हैं.
निर्माण कार्य रोकने को लेकर दोनों पक्षों में हुई मारपीट व पथराव की घटना में दोनों पक्ष से आधा दर्जन लोग जख्मी हुए है. घटना के संबंध में जख्मी गोपी कुमार ने बताया कि 1992 में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने लगभग 200 लोगों को पांच डिसमिल जमीन देकर बसाया था. कुछ दबंग लोग जमीन पर दावा करते हैं. बुधवार को वह मकान निर्माण कार्य करा रहा था, तभी दबंग लगभग 150 की संख्या में हथियारों से लैस होकर आये और कार्य रोक मारपीट करने लगे. गोपी के अनुसार रिवाल्वर के बट से मारने के कारण उसका सिर फूट गया.
लाठी -डंडे की पिटाई से निहुरी राम व कृष्णा राम जख्मी हो गये. हालांकि, दूसरे पक्ष का दावा है कि रोक के बाद निर्माण कार्य क्यों हो रहा है, इसी बात का इन लोगों ने विरोध किया और पथराव किया, जिससे दूसरे पक्ष से मो आसिफ, मो आलमगीर व मो शराफत जख्मी हो गये. हंगामे की खबर मिलते ही स्थानीय थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को शांत कराया. इसी बीच दबंगों पर कार्रवाई की मांग को लेकर अशोक राजपथ को लगभग एक घंटे तक चौधरी टोला के समीप जाम कर दिया गया. हंगामे की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष दिनेशचंद्र श्रीवास्तव ने स्थिति की गंभीरता को देख सैप व ब्रज वाहन के साथ बहादुरपुर, आलमगंज व पीरबहोर थानाें पुलिस को बुला लिया. इसके बाद सड़क जाम किये लोगों को समझा -बुझा कर हटवाया. बताया जाता है कि लगभग 12 एकड़ भूमि का विवाद है. इस कारण पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं.

Next Article

Exit mobile version