मुजफ्फरपुर. पिछले 48 घंटे में खांसी और सांस रोग से पीड़ित 15 बच्चे को एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में भर्ती किया गया. इन बच्चों की उम्र चार माह से लेकर दो साल तक की है. अधिकतर बच्चे सीरियस हैं. चार बच्चों को वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा गया है.
बच्चों में सांस रोग को लेकर एसकेएमसीएच के डॉक्टर अलर्ट मोड पर हैं. डॉक्टर बच्चों का इलाज वायरल ब्रोंकाइटिस मानकर कर रहे हैं. हालांकि दो बच्चों की कोरोना जांच भी करायी गयी, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आयी. डॉक्टरों का कहना है कि तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए बच्चों के इलाज में विशेष एहतियात बरती जा रही है.
सांस रोग से पीडित सभी बच्चों की विशेष मॉनीटरिंग की जा रही है. पिछले दो दिनों में पीकू वार्ड में डायरिया, ब्रेन मलेरिया, चमकी-बुखार, टायफायड, मेंजेटाइटिस और सांप काटने के कारण 40 बच्चे भी भर्ती हुए हैं. इनमें अधिकतर तीन से 12 वर्ष के हैं. पीकू के 100 में 93 बेड फुल हो गये हैं.
एसकेएमसीएच के अधीक्षक डाॅ बीएस झा ने कहा कि बच्चों के इलाज के लिए अस्पताल में पूरी व्यवस्था की गयी है. संख्या बढ़ने पर दूसरे वार्ड में बच्चों को भर्ती कर इलाज किया जायेगा. इससे स्वास्थ्य विभाग को अवगत करा दिया गया है.
शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ गोपाल शंकर सहनी ने कहा कि वायरल ब्रोंकाइटिस का केस दो दिनों में बहुत अधिक आया है. इससे हमलोगों की चिंता बढ़ गयी है. वायरल ब्रोंकाइटिस हवा में फैलने वाले वायरस से होता है.
कोरोना में भी सांस फूलने की शिकायत आती है, इसलिए हमलोग अलर्ट मोड में हैं. जलजमाव और गंदगी के कारण डायरिया, चमकी-बुखार, टायफायड, मेंजेंटाइटिस और ब्रेन मलेरिया से पीड़ित बच्चे भी आ रहे हैं.
Posted by Ashish Jha