पटना : बीएसएससी पेपर लीक मामले में अभी एसआइटी का अनुसंधान पूरा नहीं हुआ है. पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड कहे जानेवाले अनंतप्रीत सिंह बरार को दो दिनों तक रिमांड पर लेने के बाद भी राज का खुलासा नहीं हो पाया है. एसआइटी के सवालों के सामने बहाने और कन्नी काटनेवाले बरार को एक बार फिर एसआइटी का सामना करना पड़ेगा. अब दोबारा उसे रिमांड पर लिये जाने की तैयारी है. सोमवार को एसआइटी इसके लिए कोर्ट में आवेदन देगी.
एसआइटी की शुरुआती पूछताछ में आइएएस सुधीर कुमार ने यह जानकारी दी थी कि वर्ष 2014 में जब वह बीएसएससी के अध्यक्ष बने थे, तो परीक्षा प्रक्रिया के लिए तैयार होनेवाले एग्रीमेंट पर नौ लोगोें के हस्ताक्षर होते थे. इसको लेकर उन्होंने शासन स्तर पर आपत्ति जाहिर की थी. इसके बाद इस व्यवस्था में फेरबदल कर दिया गया था. एसआइटी के मुताबिक अब परीक्षा की प्रक्रिया में सब कुछ सुधीर कुमार ही देखते थे. एग्रीमेंट पर पहले वाले नौ लोगों के हस्ताक्षर नहीं होते थे.
एसआइटी को जब यह जानकारी हुई, तो सुधीर कुमार अपने ही बयान में फंसते दिखे. पहले उन्होंने एसआइटी को यह समझाने की कोशिश की कि पहले सिस्टम गड़बड़ था, उन्होंने ठीक कराया. लेकिन, जांच में पता चला कि सारी प्रक्रिया की जिम्मेवारी सुधीर कुमार पर ही थी. इसलिए अब यह माना जा रहा है कि उन्होंने पुरानी प्रक्रिया को बदल कर अपने लोगों को लाभ पहुंचाया. इसके लिये बरार से सांठगांठ की.