बिहार परचा लीक आयोग : आइएएस सुधीर के बेल पर हो सकता है आदेश

पटना : बीएसएससी पेपर लीक मामले में सोमवार को निगरानी-1 की विशेष अदालत में सुनवाई हुई. इस दौरान आइएएस सुधीर कुमार की तरफ से उनके अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखा. बचाव पक्ष के अधिवक्ता राम विनय सिंह ने अदालत को बताया कि सुधीर कुमार को केवल बीएसएससी के अध्यक्ष होने के कारण ही फंसाया गया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 4, 2017 6:16 AM

पटना : बीएसएससी पेपर लीक मामले में सोमवार को निगरानी-1 की विशेष अदालत में सुनवाई हुई. इस दौरान आइएएस सुधीर कुमार की तरफ से उनके अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखा. बचाव पक्ष के अधिवक्ता राम विनय सिंह ने अदालत को बताया कि सुधीर कुमार को केवल बीएसएससी के अध्यक्ष होने के कारण ही फंसाया गया है. जबकि, एसआइटी अब तक उनके खिलाफ कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं जुटा पायी है.

अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि प्रश्नपत्र व ओएमआर अलग-अलग व्यक्ति तैयार करते हैं. जबकि, उसे सील लिफाफे में सीधे प्रिंटिंग प्रेस को भेज दिया जाता है और परीक्षा के दो-तीन दिन पूर्व ही संबंधित जिलाधिकारी के कोषागार में उसे भेज दिया जाता है. इसमें अध्यक्ष की कोई भूमिका नहीं होती. बचाव पक्ष ने और भी तर्क दिये और सुधीर कुमार और उनके भाई की पत्नी मंजू देवी को निर्दोष बताया. कोर्ट ने बचाव पक्ष को सुनने के बाद मंगलवार को लोक अभियोजक को भी सुनने की बात कही है. अब मंगलवार को लोक अभियोजक पक्ष की बात सुनने के बाद सुधीर कुमार और मंजू देवी की जमानत याचिका पर कोर्ट कोई भी आदेश दे सकता है.
अन्य लोगों की अर्जी पर सुनवाई 11 को : विपिन कुमार, आशुतोष, अनीश व अटल बिहारी राम की जमानत अर्जी पर 11 अप्रैल को सुनवाई होगी. इससे पहले चार अप्रैल को होने वाली सुनवाई में अगर सुधीर कुमार या मंजू देवी को जमानत मिल जाती है, तो 11 अप्रैल की सुनवाई भी काफी महत्वपूर्ण हो जायेगी. एसआइटी अपनी तरफ से साक्ष्य प्रस्तुत कर चुकी है.
बरार के लिए एसआइटी ने नहीं दी रिमांड की अर्जी : सोमवार को निगरानी कोर्ट में एसआइटी ने अनंतप्रीत सिंह बरार को रिमांड पर लेने के लिए अर्जी नहीं दी. हालांकि, एसआइटी ने बरार से दोबारा पूछताछ की तैयारी की है. दरअसल, 14 दिन की न्यायिक हिरासत की अवधि पूरी हो जाने के कारण रिमांड की अर्जी नहीं लगायी गयी है. अब बेऊर जेल जाकर बरार से पूछताछ हाे सकती है.

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