दो बैंक अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज

पटना : सीबीआइ की एंटी करप्शन विंग ने बरौनी रिफाइनरी में स्थित एसबीआइ बैंक की शाखा के दो अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है. दोनों बैंक अधिकारियों पर आरोप है कि नोटबंदी की घोषणा के बाद इन्होंने गलत तरीके से 500 और हजार रुपये के अवैध नोटों को वैध करने की कोशिश की है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 8, 2017 7:12 AM
पटना : सीबीआइ की एंटी करप्शन विंग ने बरौनी रिफाइनरी में स्थित एसबीआइ बैंक की शाखा के दो अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है. दोनों बैंक अधिकारियों पर आरोप है कि नोटबंदी की घोषणा के बाद इन्होंने गलत तरीके से 500 और हजार रुपये के अवैध नोटों को वैध करने की कोशिश की है. हालांकि सीबीआइ ने इनकी गिरफ्तारी नहीं की है, लेकिन मामला दर्ज कर आगे की छानबीन शुरू कर दी है. जांच के दौरान बड़े स्तर पर गड़बड़ी सामने आने की संभावना है. अब तक की जांच में दो लाख रुपये के गड़बड़ी की बात सामने आयी है. सीबीआइ ने इस बैंक शाखा में कार्यरत कैश ऑफिसर रामानंद ठाकुर और एटीएम प्रभारी सुशांत कुलेश्वर के खिलाफ नोटों की हेराफेरी करने का मामला एंटी करप्शन एक्ट के तहत दर्ज किया गया है.
अब तक की जांच में यह बात सामने आयी है कि 8 नवंबर 2016 को जिस समय नोटबंदी की घोषणा हुई थी, उस समय ये दोनों अधिकारी अपने बैंक के एटीएम प्रभारी भी थे. 11 नवंबर को इन्हें बैंक की तरफ से 51 लाख रुपये एटीएम में डालने के लिए मिले थे. इसमें 50 लाख रुपये इन्होंने एटीएम में डाल दिये, लेकिन बचे हुए एक लाख रुपये को एटीएम में नहीं डालकर इन्होंने 500 और हजार रुपये के पुराने नोटों के साथ बदल कर इन्हें वापस बैंक में जमा कर दिये.
सभी पुराने नोटों को 100 रुपये और 50 रुपये नोटों में बदल दिये गये. इसी तरह 12 नवंबर को भी इन्हें 31 लाख रुपये एटीएम में डालने के लिए मिले थे, लेकिन में इसमें 30 लाख रुपये ही डाले. बचे हुए एक लाख को पुराने नोटों से बदलकर बैंक के एकाउंट में वापस जमा करवा दिये. यह आशंका जतायी जा रही है कि इन्होंने इस तरह की गड़बड़ी और भी की होगी, जिसकी जांच चल रही है. इस बात की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि पुराने नोटों को बदलने के इस गोरखधंधे में अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं. फिलहाल इन सभी बातों की जांच चल रही है.

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