जेल में बंद रीतलाल ने मंगवायी ठेकेदार से 25 लाख की रंगदारी
पटना : बेऊर जेल में बंद विधान पार्षद रीतलाल यादव अपने गुर्गों के माध्यम से रेलवे के ठेकेदारों से रंगदारी वसूलवा रहा है. वह मोबाइल से जेल के अंदर से ही गुर्गों को आदेश देता है और गुर्गे उसके आदेश का पालन करते हैं. इसका खुलासा उस समय हुआ, जब ठेकेदार शंभु कुमार से उसके […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
April 8, 2017 7:13 AM
पटना : बेऊर जेल में बंद विधान पार्षद रीतलाल यादव अपने गुर्गों के माध्यम से रेलवे के ठेकेदारों से रंगदारी वसूलवा रहा है. वह मोबाइल से जेल के अंदर से ही गुर्गों को आदेश देता है और गुर्गे उसके आदेश का पालन करते हैं. इसका खुलासा उस समय हुआ, जब ठेकेदार शंभु कुमार से उसके गुर्गे ने 25 लाख की रंगदारी मांगी और नहीं देने पर जान से मारने की चेतावनी दी. इसके बाद पुलिस ने रीतलाल के एक गुर्गे सोनू कुमार को गिरफ्तार कर लिया. यह मूल रूप से नालंदा के सारे इलाके का रहनेवाला है, लेकिन यह वर्तमान में रूपसपुर थाने के रंजन पथ में रह रहा था. यह भी किसी दूसरे के रजिस्ट्रेशन पर रेलवे में ठेकेदारी का काम करता था, लेकिन यह केवल इसलिए रीतलाल यादव के लिए काम करता था. ताकि, इसे बिना किसी जोर-अजमाइश के रीतलाल के प्रभाव के कारण ठेकेदारी मिल जाये.
पुलिस के समक्ष 25 लाख रंगदारी मांगने की बात को किया स्वीकार
पुलिस के समक्ष शंभु ने स्वीकार किया है कि रीतलाल यादव जेल के अंदर से उन लोगों को यह आदेश देता था कि जिसे भी ठेकेदारी मिले, उससे कम-से-कम चार प्रतिशत कमीशन लो और अगर नहीं देता है, तो फिर कार्रवाई करो. साथ ही कई ठेकेदारों से पहले भी लाखों की वसूली की गयी है.
रीतलाल यादव को जेल के अंदर ही इसकी भी जानकारी मिल जाती थी कि किसे टेंडर मिला है. इधर एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि रीतलाल यादव के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गयी है और खगौल थाने में मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में रीतलाल यादव को भी रिमांड पर लिया जायेगा और पूछताछ की जायेगी. ठेकेदार शंभु कुमार को हाल में ही एक करोड़ 80 लाख का ठेका मिला था. इसके बाद सोनू ने उन्हें फोन किया और 25 लाख की रंगदारी मांगी और नहीं देने पर हत्या करने की धमकी दी गयी. शंभु कुमार ने घटना की जानकारी एसएसपी मनु महाराज को दी और एसएसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत ही दानापुर और खगौल थानाध्यक्ष की एक टीम का गठन कर तुरंत ही कार्रवाई का निर्देश दिया. इसके बाद पुलिस टीम ने जांच के क्रम में मामला सही पाया और फिर रंजन पथ पहुंच गयी. जहां पुलिस को आते देख सोनू ने भागने का प्रयास किया, लेकिन उसे गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में इसने अपने दो और साथियों के नाम का खुलासा किया है, जिसे पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है. एक बार फिर से जेल के अंदर से मोबाइल से गिरोह के संचालन की बात सामने आयी है. संभावना है कि पुलिस टीम जेल के अंदर छापेमारी कर सकती है.
बॉडीगार्ड गिरफ्तार
पाटलिपुत्र पुलिस ने गैर लाइसेंसी पिस्टल रख कर बिल्डर प्रमोद कुमार के बॉडीगार्ड बने सोनू को गिरफ्तार कर लिया. सोनू मैनपुरा का रहने वाला है, जबकि बिल्डर गोसाई टोला के रहने वाले है. एक पैसा के हेरा-फेरी के मामले में पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए बुलाया था.
इसी बीच पुलिस को जानकारी मिली कि उसके पास एक पिस्टल भी रहता है और कई फोटो भी है. इसके बाद पुलिस ने सत्यापन किया और उससे उक्त पिस्टल के बारे में पूछा, जिसके साथ उसने फोटो खिंचवाया था. इस पर उसने सही जानकारी दी और उसकी निशानदेही पर पिस्टल बरामद कर लिया गया. उक्त पिस्टल का उसके पास कोई लाइसेंस नहीं था.
पूछताछ में उसने बताया कि बिना पिस्टल के कहीं भी बाउंसर या बॉडीगार्ड की नौकरी करने पर उसे मात्र दस हजार मिलते थे, लेकिन पिस्टल रहने के कारण उसे बीस हजार तक लोग देते थे. इसलिए उसने एक व्यक्ति से पिस्टल की खरीद की थी. पाटलिपुत्र थानाध्यक्ष संजीव शेखर झा ने जेल भेजने की पुष्टि की.