राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद का मानना है कि वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव असामान्य है. अब तक हुए चुनावों से एकदम अलग है . उन्होंने कहा, बहुत लोग पीएम पद के कैंडिडेट हो सकते हैं, लेकिन देश रहेगा तब न? देअर इज ए होल कन्फ्यूजन. थर्ड फ्रंट भी बना लिया. हर आदमी एक दूसरे को डिच करना चाहता है. दोस्ती रखो, ताकि कुछ मिल जाये.
एनडीटीवी के कार्यक्रम फेसबुक टॉक्स- लीडर 2014 में लालू प्रसाद राजनीति पर खुल कर बोले, तो नरेंद्र मोदी, नीतीश कुमार के साथ-साथ मीडिया पर भी चुटकी ली. उनके साथ पत्रकार मधु त्रेहन ने बात की. उन्होंने कहा कि यह चुनाव तय करेगा कि भारत राष्ट्रपिता के रास्ते पर चलेगा कि नाथू राम गोड्से के रास्ते पर. मैं फॉरकास्ट करता हूं कि स्थिति भयावह है. आरएसएस का हिडेन एजेंडा सामने है. नरेंद्र मोदी अपनी पार्टी के नेताओं के छाती पर चढ़ गया है. मोदी को बड़े घरानों की ओर से लीडर बनाया गया है. मामूली बात है क्या?
सांप्रदायिकता को भ्रष्टाचार से ज्यादा खतरनाक बताते हुए लालू ने कहा, महाराष्ट्र-गुजरात में कॉरपोरेट हाउस फासिस्ट ताकतों के पक्ष में उतर गये हैं. सो-कॉल्ड करप्शन इश्यू है, लेकिन आप कम्युनलिज्म को इग्नोर नहीं कर सकते हैं. आज सांप्रदायिकता बड़ा एजेंडा है. अभिजात्य वर्ग के लोग कम्युनलिज्म को दरकिनार कर करप्शन-करप्शन चिल्ला रहा है.
कानून बनाने से करप्शन रूक जायेगा क्या? हमने तो कहा था कि जितने बड़े-बड़े फॉर्म हाउस, मॉल, बिल्डिंग हैं सबको सरकार टेकओवर करे और फिर रिडिस्ट्रिब्यूट करे. चोर लोग शोर मचाते हैं कि फलां चोर है. मुझ पर मुकदमा करवा दिया कि चारा खा गये. यादवों पर मामूली जुल्म हुआ. कृष्ण को भी जेल में डाल दिया गया था.
भाजपा के पीएम पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाते हुए उन्होंने कहा, क्या नरेंद्र मोदी फसलों का नाम बता सकते हैं. बता सकते हैं कि कोदो, सावां, चीना, रामतरोई, सकरपाला क्या है. मैं यह सब जानता हूं. मैंने वेटनरी कॉलेज कैंपस में चाय भी बेची है.
उन्होंने खुद को जनता से जुड़ा ताकतवर नेता बताते हुए कहा- मैं हिम्मत का मतवाला हूं. जन्म से लेकर अब तक लगातार मैं उप्रद्रव का, परेशानियों का सामना करते रहा हूं. जितना मुझ पर अटैक हुआ, मेरी जगह पर दूसरा लीडर होता, तो वो चला जाता. हर्ट फेल कर जाता. फिर किसी सजर्री से भी ठीक नहीं होता. लेकिन, जिन लोगों ने मेरे साथ शैतानी किया, वे सब विलीन हो रहे हैं. खुदा सब देख रहा है.
अपने बेटे व बेटी को राजनीति में उतारने पर उठ रही ऊंगली पर फेसबुक यूजर ने सवाल पूछा. लालू ने सफाई दी, क्या डॉक्टर का बेटा डॉक्टर नहीं होता. मुझ पर ही आरोप क्या लग रहा है. ह्वाई? मीसा आंदोलन की प्रतीक है. अब वह पाटिलपुत्र की बेटी है- बहू है. मेरे बेटे के मेरिट पर कोई ऊंगली नहीं उठा सकता.
लालू ने खुलासा किया कि वह इस साल अपने आवास पर कुर्ताफाड़ होली नहीं मनायेंगे. बोले, बहुत ठंड है. कई साल से बंद कर दिया हूं. उनसे पूछा गया कि आप मीडिया को हड़काते हैं, उन्होंने हंसते हुए कहा, मैं तो मीडिया को ट्रेनिंग देता हूं. कभी-कभार बोलना पड़ता है, नहीं तो फोंफी (माइक) मुंह में ला कर ढूंस देता है. हम बच के नहीं रहें, तो दांत तोड़ देगा.