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मौत पर भी नहीं पिघला पिता और बेटे का दिल, पत्नी ने दी मुखाग्नि
मसौढ़ी : इनसानियत की हदें पार कर देनेवाली घटना धनरूआ थाना के नदवां गांव में प्रकाश में आयी है. पहले तो पिता ने अपने अन्य पुत्रों के सहयोग से अपने बड़े पुत्र व उसकी पत्नी को घर से निकाल दिया. इसके बाद मसौढ़ी में डेरा लेकर रह रहे उस बीमार पुत्र की मौत उपचार के […]
मसौढ़ी : इनसानियत की हदें पार कर देनेवाली घटना धनरूआ थाना के नदवां गांव में प्रकाश में आयी है. पहले तो पिता ने अपने अन्य पुत्रों के सहयोग से अपने बड़े पुत्र व उसकी पत्नी को घर से निकाल दिया. इसके बाद मसौढ़ी में डेरा लेकर रह रहे उस बीमार पुत्र की मौत उपचार के दौरान पीएमसीएच में हो जाने के बाद भी उसके दाह-संस्कार में भाग नहीं लिया. हद तो तब हो गयी जब अपने पति की अंतिम क्रिया करने के बाद उसकी पत्नी बीते बुधवार की देर रात अपने ससुराल पहुंची, तो उसे घर में घुसने नहीं दिया गया. बाद में मुखिया व अन्य ग्रामीणों के हस्तक्षेप से विधवा अपने ससुराल में घुस सकी .
मिली जानकारी के मुताबिक नदवां गांव के दारोगा ठाकुर को चार पुत्र थे .बड़े पुत्र मनोज कुमार (40) को एक पुत्र व चार पुत्रियां हैं .वह पटना में एक निजी दुकान में काम करता था. काफी दिनों पूर्व दारोगा ठाकुर व उसके अन्य पुत्रों ने मनोज व उसकी पत्नी रीना देवी को मारपीट कर घर से निकाल दिया था. मनोज के पुत्र आकाश (14) को अपने पास ही रख लिया था. बेघर हुआ मनोज पत्नी व चारों पुत्रियों के साथ मसौढ़ी में किराये पर एक कमरा लेकर रहता था. इसी बीच मनोज कालाजार से ग्रसित हो गया. किसी प्रकार अपनी गृहस्थी संभल रहा मनोज आर्थिक तंगी के कारण अपना समुचित उपचार नहीं करा सका. बीते रविवार को ज्यादा तबीयत बिगड़ने पर रीना देवी ने पति मनोज को पीएमसीएच में भरती कराया. इसी दौरान मंगलवार की देर रात उसकी मौत हो गयी. इसकी सूचना रीना देवी ने अपने ससुर समेत ससुराल के अन्य सदस्यों को दी, लेकिन ससुर व ससुराल का कोई सदस्य नहीं पहुंचा. थक- हार कर रीना देवी ने पटना में रहनेवाली अपनी बड़ी बहन नगीना देवी व कुछ अन्य लोगों की मदद से बुधवार को पटना के बांसघाट पर खुद अपने पति को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार कर दिया.
इधर, अंतिम संस्कार करने के बाद जब बुधवार की देर शाम रीना देवी अपनी चार पुत्रियों के साथ ससुराल नदवां पहुंची, तो ससुरालवालों ने उसे घर में घुसने नहीं दिया.
बाद में गांव के चौकीदार, पंचायत के मुखिया शंकर कुमार व कुछ अन्य ग्रामीणों के हस्तक्षेप से रीना देवी को ससुरालवाले घर में शरण देने को राजी हुए.
बीते मंगलवार की देर रात अपने पुत्र मनोज की मौत की खबर मिलने पर उसके पिता दारोगा ठाकुर उसकी अंतिम क्रिया करने पटना जाने के बदले बुधवार को मसौढ़ी व्यवहार न्यायालय में बहू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने पहुंचा. यह सुन कोर्ट में मौजूद नदवां के कुछ वकीलों ने उसे डांट-डपट कर भगा दिया.
पुलिस पहुंची रीना की ससुराल
इधर गुरुवार को जैसे ही धनरूआ पुलिस को रीना के खिलाफ उसके ससुरालवालों द्वारा किये जा रहे दुर्व्यवहार की सूचना मिली वह उसके ससुराल नदवां पहुंची . इस बाबत धनरूआ थानाध्यक्ष रोहन कुमार ने बताया कि फिलहाल मनोज के पिता व परिवार के सदस्यों को विधि विधान से मृतक पुत्र का अंतिम संस्कार करने की हिदायत दी गयी है . अंतिम संस्कार के बाद यदि रीना के साथ उनका अच्छा व्यवहार नहीं रहा, तो उनके खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी.
पुत्र को पिता की उतरी लेने की भी मनाही कर दी : मनोज की विधवा रीना देवी ने जब अपने पुत्र आकाश को अपने पिता की उतरी लेने व उनका श्राद्धकर्म करने को कहा, तो ससुरालवालों ने आकाश को उतरी लेने से मना कर दिया.नतीजतन आकाश ने उतरी लेने से मना कर दिया. मनोज की विधवा रीना देवी ही अपने पति की उतरी ले रखी है और श्राद्धकर्म के सारे कर्मकांडों को खुद ही कर रही है .
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