पटना: लोकसभा चुनाव के दौरान अफसरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को लेकर चुनाव आयोग और राज्य सरकार के बीच ठन गयी है. आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा को कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अफसरों के साथ बैठक नहीं करने को कहा है. उधर, मुख्य सचिव ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिख कर इस पर आपत्ति जतायी है.
प्रशासनिक नियंत्रण
राज्य सरकार का तर्क है कि प्रशासनिक नियंत्रण के लिए वीडियो कॉन्फ्रेसिंग जरूरी है. हालांकि, आयोग के निर्देश के बाद मुख्य सचिव ने फिलहाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बंद कर दी है. मुख्य सचिव सप्ताह में चार दिन जिलाधिकारियों और प्रमंडलीय आयुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर योजनाओं की समीक्षा करते हैं. यह सिलसिला पिछले कई माह से चल रहा है. विवाद तब खड़ा हुआ, जब सोमवार को चुनाव आयोग का पत्र मुख्य सचिव को मिला. इसमें आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर रोक लगाने को कहा गया.
रोक लगाना ठीक नहीं
मंगलवार को आयोग को लिखे पत्र में मुख्य सचिव ने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मुख्य सचिव स्तर पर होनेवाली समीक्षा बैठक पर रोक लगाना ठीक नहीं है. प्रशासनिक नियंत्रण के लिए यह जरूरी है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक करना प्रशासनिक कार्य है. इसे आदर्श चुनाव आचार संहिता की परिधि में रखा जाना उचित नहीं है. इसे आचार संहिता की परिधि से बाहर किया जाये.