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दरभंगा में ग्रामीणों ने बोला थाने पर हमला

कुशेश्वरस्थान पूर्वी, दरभंगाः मंदिर निर्माण कार्य रोके जाने से आक्रोशित ग्रामीणों ने गुरुवार को कुशेश्वरस्थान थाने पर हमला बोल दिया. हाजत में बंद कुशेश्वरस्थान उत्तरी पंचायत समिति सदस्य रामचंद्र पासवान को ताला तोड़ निकाल लिया. थाने पर जमकर रोड़ेबाजी की. थाने के उपस्कर को तहस-नहस कर दिया. संचिकाओं को भी तितर-बितर कर दिया. थाना के […]

कुशेश्वरस्थान पूर्वी, दरभंगाः मंदिर निर्माण कार्य रोके जाने से आक्रोशित ग्रामीणों ने गुरुवार को कुशेश्वरस्थान थाने पर हमला बोल दिया. हाजत में बंद कुशेश्वरस्थान उत्तरी पंचायत समिति सदस्य रामचंद्र पासवान को ताला तोड़ निकाल लिया. थाने पर जमकर रोड़ेबाजी की. थाने के उपस्कर को तहस-नहस कर दिया. संचिकाओं को भी तितर-बितर कर दिया. थाना के बाहर लगी पुलिस जीप को भी क्षतिग्रस्त कर दिया.

जीर्णोद्धार रौता व बाजार के लोग करा रहे थे. इस जमीन को लेकर नागो पोद्दार ने जिला से लेकर थाना व एसडीओ तक को आवेदन देकर अवैध निर्माण का आरोप लगाया था. वह हाइकोर्ट के कागजात दिखाते हुए अपनी जमीन बता रहे थे. वहीं दूसरे पक्ष का कहना है कि 1992 में ही पंचायत में लिये गये निर्णय के आलोक में थाना ने इसका सीमांकन कर चहारदीवारी दिलवा दी थी. राजा सल्हेश का मंदिर चहारदीवारी के भीतर ही बन रहा है.

पुलिस ने निर्माण कार्य रोका

नागो पोद्दार की शिकायत पर गुरुवार को एसडीओ शैलेंद्र भारती, डीएसपी राजकुमार कर्ण व थानाध्यक्ष सुबोध कुमार सिंह मंदिर परिसर पहुंचे. निर्माण पर रोक लगा दी. ग्रामीणों का आरोप है कि थानाध्यक्ष ने बेकसूर पंचायत समिति सदस्य को न केवल गिरफ्तार कर लिया, बल्कि भवन निर्माण सामग्री भी जब्त कर ली. साथ ही खुद सेंटरिंग खोलने लगे. इस पर आक्रोश भड़क उठा.

गिरफ्तारी से भड़का आक्रोश

डीएसपी व एसडीओ के जाते ही लोगों ने थानेदार को घेर लिया. किसी तरह वह जान बचाकर भागे. कुछ देर बाद ही बड़ी संख्या में महिला-पुरुष व बच्चे लाठी-डंडा व बांस बल्ला लेकर सड़क पर उतर आये. बाजार को बंद करा दिया. इस दौरान एक दो दुकानों में लूटपाट भी की. भीड़ थाना पहुंची. लोगों ने हाजत खोलने के लिए चाबी की मांग की. नहीं मिलने पर ताला तोड़ श्री पासवान को बाहर निकाल दिया. इसके बाद थाने के उपस्करों पर गुस्सा उतारने लगे. स्टेशन डायरी व अन्य संचिकाओं को तहस-नहस कर डाला. लोगों का गुस्सा थानेदार के खिलाफ था. इस दौरान एक भी पुलिसकर्मी सामने नहीं दिखा. सभी दुबक गये.

बीच सड़क पर टायर जला ग्रामीण प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. इतनी बड़ी घटना के बाद भी तिलकेश्वर गये एसडीओ व डीएसपी घटनास्थल पर नहीं पहुंचे. न ही बाहर से पुलिस बल ही भेजा. शाम में बिरौल थानाध्यक्ष मदन प्रसाद सिंह व डीसीएलआर इंद्रवीर कुमार पहुंचे. आक्रोशित लोगों ने शाम में बैठक की. 14 मार्च को एसडीओ से मिलकर वस्तुस्थिति की जानकारी देने का निर्णय किया.

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