पटना. राज्य के 28 जिलों में करीब 981 किलोमीटर लंबाई में ग्रामीण सड़कों का निर्माण होगा. इसकी प्रशासनिक मंजूरी मिल चुकी है. बरसात के तुरंत बाद निर्माण कार्य शुरू होगा. करीब 828 करोड़ रुपये लागत से इनका निर्माण 2024 तक पूरा होने की संभावना है. ग्रामीण कार्य विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है.
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाइ) फेज-3 में 161 सड़कों का निर्माण होगा. साथ ही करीब 78 छोटे-छोटे पुलों का निर्माण करीब तीन किमी लंबाई में होगा. हर परियोजना की अधिकतम लागत करीब पांच करोड़ रुपये होगी. इनके निर्माण में 60 फीसदी हिस्सा केंद्र और 40 फीसदी राज्य सरकार खर्च करेगी.
इधर, ग्रामीण कार्य विभाग ने बारिश में खराब होने वाली ग्रामीण सड़कों को जल्द आवागमन लायक बनाने का निर्देश अपने इंजीनियरों को दिया है. साथ ही कटाव वाले स्थलों को चिह्नित कर वहां पूरी तैयारी रखने के लिए कहा गया है, जिससे कि सड़कों के क्षतिग्रस्त होने पर उन्हें आवागमन लायक बनाया जा सके. साथ ही सड़कों की बेहतर गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए कार्यपालक अभियंताओं को भी निर्देश दिया जा चुका है.
सड़क बनने के बाद पांच साल तक इन सड़कों का मेंटेनेंस भी किया जायेगा. मेंटेनेंस की जिम्मेदारी निर्माण एजेंसी को दी जायेगी. फिलहाल निर्माण एजेंसी का चयन ई-टेंडर के माध्यम से किया जायेगा. इसकी प्रक्रिया बहुत जल्द शुरू होगी.
ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत राज ने बताया कि सभी सड़कों को बनाने के लिए बहुत जल्द टेंडर कर निर्माण एजेंसी का चयन किया जायेगा. इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. बरसात खत्म होते ही सड़कों का निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा. इन सड़कों को बनने से ग्रामीण इलाके में आवागमन बेहतर होगा. साथ ही स्थानीय स्तर पर आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक सहित हर क्षेत्र में विकास होगा.
अररिया, अरवल, औरंगाबाद, बांका, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, गया, गोपालगंज, जहानाबाद, जमुई, कैमूूर, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, पटना, पूर्णिया, रोहतास, समस्तीपुर, शेखपुरा, सिवान, सुपौल और वैशाली.