पटना. कृषि बिल के खिलाफ किसानों के आंदोलन के बीच ही सरकार ने किसानों को दिये जाने वाले डीजल अनुदान योजना को बंद करने का निर्णय लिया है.
एक दशक पुरानी योजना के बंद होने का कारण बताते हुए कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि बिजली की उपलब्धता हर गांव में हो गयी है. साथ ही बिजली डीजल से सस्ती भी है.
इसलिए अब डीजल अनुदान की जरूरत नहीं है. खरीफ में भी किसानों को डीजल अनुदान नहीं मिला था. किसानों को तीन सिंचाई के लिए प्रति लीटर 60 रुपये की दर से अनुदान दिया जा रहा था.
डीजल अनुदान योजना के तहत सरकार किसान को फसलों की डीजल पंप सेट से सिंचाई के लिए अनुदान राशि प्रदान करती आ रही थी. योजना के तहत बिहार के सभी किसानों को आर्थिक लाभ पहुंच रहा था.
लाभुकों की बात की जाये, तो बीते वित्तीय वर्ष में साढ़े छह लाख किसानों को इसका लाभ मिला. हालांकि, यह संख्या आवेदकों की आधी ही थी. इससे पहले तीस लाख से अधिक किसानों के खाते में डीजल अनुदान गया था.
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि डीजल अनुदान नहीं दिया जायेगा इसकी सरकार ने मुकम्मल घोषणा नहीं की है. फिलहाल इस साल के लिए बंद किया गया है.
पर्याप्त बिजली दी जा रही है और यह डीजल से सस्ती भी पड़ रही . डीजल अनुदान की मांग भी इतनी नहीं रह गयी है. जोर और जरूरत को ध्यान में रख कर यह निर्णय लिया गया है.
Posted by Ashish Jha