फर्जी कंपनी बनाकर कर ली 27 करोड़ की टैक्स चोरी, वाणिज्य कर विभाग ने अब किया खुलासा

शहर के भागवत नगर मोहल्ले के पते पर चलने वाले इस बोगस कंपनी ने गलत नाम-पते पर रजिस्ट्रेशन कर गलत तरीके से 173 करोड़ रुपये की खरीद-बिक्री से संबंधित ई-वे बिल जारी कर 27 करोड़ के टैक्स की चोरी कर ली है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 20, 2021 6:59 AM

पटना. वाणिज्य कर विभाग ने एक बोगस कंपनी का उजागर किया है. इसके तार कई राज्यों से जुड़े हैं. शहर के भागवत नगर मोहल्ले के पते पर चलने वाले इस बोगस कंपनी ने गलत नाम-पते पर रजिस्ट्रेशन कर गलत तरीके से 173 करोड़ रुपये की खरीद-बिक्री से संबंधित ई-वे बिल जारी कर 27 करोड़ के टैक्स की चोरी कर ली है.

विभागीय स्तर पर इंटेलिजेंस की जांच में इस बोगस कंपनी की पूरी कारस्तानी उजागर हुई. इसके बाद विभाग ने स्थल पर जाकर जांच की, तो पाया कि यह कंपनी स्थल पर है ही नहीं. इसके साथ ही कंपनी के स्तर पर बड़े स्तर पर गड़बड़ी की बात सामने आयी है.

जांच में यह पाया गया कि इस फॉर्म में व्यापक स्तर पर गड़बड़ की गयी है और इससे जुड़ी कई कंपनियों ने भी गलत तरीके से व्यापार किया है. इसकी भी जांच की जा रही है.

इसमें लोहा, स्टील, कॉपर, प्लास्टिक, स्क्रैप, रेडिमेट गार्मेट समेत अन्य वस्तुओं के उत्पाद शामिल हैं. इन सभी सामानों के गलत तरीके ई-वे बिल जारी कर फिर इसका टैक्स रिटर्न फाइल कर विभाग से टैक्स की वापसी का फायदा ले लेते हैं.

इसमें पंजाब, दिल्ली समेत अन्य शहरों के फर्मों के बीच गलत तरीके से ट्रेडिंग को दिखाया गया है. इसमें बड़े स्तर पर टैक्स की चोरी की गयी है. इस तरह से बड़े स्तर पर सिंडिकेट का उजागर हुआ है.

वाणिज्य कर विभाग की इंटेलिजेंस टीम ने तमाम डाटा एनालिटिक्स और वेरिफिकेशन करके कई स्तर पर गड़बड़ी उजागर की है. सिर्फ कागज पर ही चलने वाले इन सभी फॉर्म की पड़ताल चल रही है. टैक्स चोरी करने वाली सभी कंपनियों की जांच समुचित तरीके से करने के लिए विभाग पूरी तरह से तत्पर है.

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जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक 150 से ज्यादा फर्जी कंपनियों का पता विभाग के स्तर किया जा चुका है और इन पर कार्रवाई भी व्यापक स्तर पर की गयी है. इन कंपनियों ने करीब ढाई हजार करोड़ का ई-बे बिल जारी करके व्यापक स्तर पर घपलेबाजी की है.

इसमें अब तक एक चार्टर्ड एकाउंटेंट समेत सात लोगों पर एफआइआर भी दर्ज की जा चुकी है. आने वाले समय में ऐसी कई कंपनियां रडार पर हैं, जिन पर कार्रवाई होने जा रही है.

Posted by Ashish Jha

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