पटना. अब लोकायुक्त के पास फर्जी शिकायत करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो सकेगी. नये प्रावधान के तहत किसी के बारे में गलत शिकायत करने पर संबंधित शिकायतकर्ता को छह महीने से अधिकतम तीन साल तक की जेल और पांच हजार रुपये जुर्माना या दोनों करने का प्रावधान है.
विधानसभा में गुरुवार को बिहार लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक 2021 पारित हो गया. भोजनावकाश के बाद शुरू हुई कार्यवाही में इस विधेयक को सामान्य प्रशासन विभाग के प्रभारी मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने पेश किया.
उन्होंने इस विधेयक की महत्ता को बताते हुए कहा कि पहले यह देखा जाता था कि बड़ी संख्या में लोक सेवकों के खिलाफ गलत शिकायतें आती थीं, जो जांच पूरी होने के बाद गलत या फर्जी पायी जाती थीं. इसमें लोकायुक्त के समय की बर्बादी होने के साथ ही संबंधित पदाधिकारी या कर्मी को भी बेवजह की परेशानी होती थी.
इसके मद्देनजर इस विधेयक में संशोधन करके यह नया प्रावधान किया गया है, ताकि किसी लोक सेवक को बिना किसी कारण के परेशान नहीं किया जा सके और जानबूझ कर कोई किसी को परेशान नहीं कर पाये. मंत्री ने कहा कि इस तरह का प्रावधान करने की सिफारिश लोकायुक्त ने ही सरकार से की थी, जिसके बाद यह संशोधन किया गया है.
इस नये विधेयक में यह भी व्यवस्था की गयी है कि लोकायुक्त के खिलाफ इस मामले में किसी को दोषी ठहराने या सजा सुनाने पर इसके खिलाफ जिला एवं सत्र न्यायालय में ही अपील की जा सकती है. लोकायुक्त के इस फैसले के खिलाफ जिला न्यायालय से नीचे के किसी न्यायालय में इसकी सुनवाई नहीं होगी.
लोकायुक्त विधेयक में इस संशोधन का मुख्य उदेश्य अधिकारियों या कर्मियों को दोहन से बचाना है. मंत्री ने कहा कि लोकायुक्त का गठन भ्रष्ट लोक सेवकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए किया गया है. लेकिन, कई लोग इसका गलत उपयोग करने लगे हैं. इसे रोकने के लिए यह विधेयक लाया गया है.
Posted by Ashish Jha