किलकारी के नये भवन में दिखेगी मगध के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत की झलक, बच्चे को क्रिएटिव बनाने का होगा काम
देश की प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के सानिध्य में किलकारी के विद्यार्थी बीते कुछ महीने से फिल्म मेकिंग का काम भी सीख रहे हैं.
गया. किलकारी बाल भवन गया में अधिक से अधिक बच्चों को क्रिएटिव बनाने की योजना को पूरा करने के लिए जल्द ही किलकारी की नयी बिल्डिंग तैयार होगी.
सरकार के स्तर पर किलकारी के नये भवन के लिए हरिदास सेमिनरी कैंपस में 2.4 एकड़ जमीन मुहैया करायी गयी है. इस जमीन में लगभग पांच करोड़ की लागत से दो मंजिला भवन तैयार होगा.
जानकारी के मुताबिक, 2022 तक भवन को तैयार कर लिया जायेगा. बिल्डिंग की डिजाइन तैयार करने की जिम्मेदारी विशेषज्ञों को दे दी गयी है.
खास बात यह है कि किलकारी के नये भवन में मगध के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत की झलक दिखेगी.
नये भवन में सैकड़ों की संख्या में बच्चे क्रिएटिव काम सीख सकेंगे. यहां बच्चों को दी जाने वाली क्रिएटिव शिक्षा के लिये अलग-अलग कमरों की व्यवस्था होगी.
बच्चों को मिला मौका, तो दिखायी कला : वर्तमान में किलकारी बाल भवन हरिदास सेमिनरी कैंपस में ही स्कूल द्वारा उपलब्ध करायी गयी बिल्डिंग में संचालित है. बिल्डिंग छोटी है, इसलिए बच्चों की उपस्थिति भी कम होती है, रोटेशन सिस्टम पर बच्चे यहां सीखने आते हैं.
बावजूद इसके पिछले कुछ वर्षों में किलकारी गया में आने वाले बच्चों ने विभिन्न विद्याओं में परचम लहराया है. पेंटिंग, आर्ट, क्राफ्ट, नृत्य, गायन, नाट्य, फोटोग्राफी, कराटे में यहां के बच्चों ने राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है.
इन सब के अलावा देश की प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान नेशनल स्कूल आॅफ ड्रामा के सानिध्य में किलकारी के विद्यार्थी बीते कुछ महीने से फिल्म मेकिंग का काम भी सीख रहे हैं.
यहां मौजूद प्रशिक्षकों का कहना है कि नयी बिल्डिंग बन जाने से जगह भी बड़ी हो जायेगी. ऐसे में बच्चों को प्रशिक्षण देना भी आसान हो जायेगा.
Posted by Ashish Jha