बिहार में जमीन व मकान की रजिस्ट्री से पहले होगा आधार का सत्यापन, सॉफ्टवेयर किया जा रहा डेवलप
विभाग के वरीय अधिकारियों की मानें, तो रजिस्ट्री के समय विक्रेता के उंगलियों व अंगूठे के निशान को स्कैन किया जायेगा. स्कैन के आधार पर विक्रेता के नाम व पता की जानकारी मिल जायेगी. फिर विक्रेता द्वारा दिये गये आधार कार्ड पर अंकित नाम व पता से उसका मिलान होगा.
अनिकेत त्रिवेदी, पटना: अगले वर्ष से जमीन, मकान व अन्य संपत्ति की रजिस्ट्री के नये नियम लागू होंगे. मद्य निषेध एवं निबंधन विभाग की ओर से अब गलत व्यक्तियों द्वारा रजिस्ट्री पर लगाम लगाने के लिए आधार के सत्यापन नियम को लागू किया जा रहा है. मतलब, अगर कोई व्यक्ति जमीन या मकान की रजिस्ट्री करता है, तो उसके द्वारा दिये गये संपत्ति के अन्य कागजात के साथ आधार को सत्यापित किया जायेगा.
यूआइडीएआइ से लिया जा रहा है डेटा
जानकारी के अनुसार विभाग की ओर से लोगों के आधार का डेटा भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी यूआइडीएआइ से लिया जा रहा है. डेटा लेने के साथ ही विभाग की ओर से एक सॉफ्टवेयर डेवलप किया जा जा रहा है. सॉफ्टवेयर डेवलप करने का काम टेरासिस टेक्नोलॉजी लिमिटेड को दिया गया है. विभाग की कोशिश है कि एक जनवरी से नये नियम प्रभावी हो जाएं.
विक्रेता को मैच कराने होंगे उंगलियों के निशान
विभाग के वरीय अधिकारियों की मानें, तो रजिस्ट्री के समय विक्रेता के उंगलियों व अंगूठे के निशान को स्कैन किया जायेगा. स्कैन के आधार पर विक्रेता के नाम व पता की जानकारी मिल जायेगी. फिर विक्रेता द्वारा दिये गये आधार कार्ड पर अंकित नाम व पता से उसका मिलान होगा. अगर दोनों में समानता होगी, तभी संपत्ति की रजिस्ट्री हो पायेगी. अगर डेटा मैच नहीं होगा, तो रजिस्ट्री पर तत्काल रोक लग जायेगी. मालूम हो कि वर्तमान नियम के तहत क्रेता और विक्रेता के आधार कार्ड का डेटा जमा करना होता है. मगर, स्कैन कर डेटा मिलान करने की सुविधा नहीं है.
गलत रजिस्ट्री पर लगेगी लगाम
राज्य में जमीन विवाद की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. कई बार गलत व्यक्ति संपत्ति की रजिस्ट्री करा दी जाती है, जो आगे चल कर विवाद का कारण बनता है. विवाद की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए रजिस्ट्री प्रक्रिया को और मजबूत बनाया जा रहा है. पहले भी रजिस्ट्री के साथ ही दाखिल-खारिज कराने के नियम लाये गये थे. अब आधार मैच कराने से गलत व्यक्ति द्वारा रजिस्ट्री कराने की प्रक्रिया पर लगाम लगेगी.
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सॉफ्टवेयर किया जा रहा है डेवलप
निबंधन विभाग के एआइजी मनोज कुमार संजय ने बताया कि आधार मैच कराने के लिए सॉफ्टवेयर डेवलप करने का काम किया जा रहा है. राज्य में इसे जल्द ही लागू किया जायेगा.