पटना. बिहार के सभी जिलों में जमीन व फ्लैट आदि की खरीद-बिक्री के लिए आधार सत्यापन (Aadhar verification) अनिवार्य कर दिया गया है. यह पहल राज्य में जमीन-फ्लैट के निबंधन में होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए की गयी है. फिलहाल यह व्यवस्था पटना सदर, दानापुर और पटना सिटी के निबंधन कार्यालयों में शुरू हुई है. लेकिन, जून के अंत तक राज्य के सभी 137 निबंधन कार्यालयों में आधार सत्यापन की व्यवस्था शुरू हो जायेगी.
इस नई व्यवस्था से अब किसी व्यक्ति के नाम पर कितने जमीन-मकान हैं, यह छिपाना आसान नहीं होगा. आधार नंबर के जरिए इसका पूरा डाटा सरकार के पास होगा. नयी व्यवस्था के तहत जमीन-फ्लैट के निबंधन से पहले क्रेता और विक्रेता दोनों का आधार से सत्यापन किया जायेगा. जमीन के दस्तावेजों में आधार कार्ड की जानकारी तो देनी ही होगी, अंगुलियों के निशान लेकर इसका सत्यापन भी किया जायेगा, ताकि जमीन बेचने या खरीदने वाले की सही पहचान हो सके. इसके लिए आधार के डाटाबेस से नाम आदि का मिलान किया जायेगा.
कई बार गवाह के जरिए दूसरे व्यक्ति को खड़ा कर भी फर्जी तरीके से जमीन या फ्लैट की खरीद-बिक्री करने के मामले सामने आते रहे हैं, नयी व्यवस्था से इसपर अंकुश लगेगा. केंद्र सरकार ने निबंधन (रजिस्ट्री) में बेनामी संपत्ति पर रोक लगाने और फर्जीवाड़ा रोकने के लिए भी राज्यों को आधार सत्यापन से इसे जोड़ने का निर्देश दिया था. इसके बाद विभाग ने पहले इसे एक जनवरी से ही लागू करने की योजना बनायी थी.
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मद्यनिषेध एवं निबंधन विभाग के सचिव विनोद सिंह गुंजियाल ने बताया कि जून अंत तक राज्य के सभी निबंधन कार्यालयों में आधार सत्यापन का कार्य शुरू हो जायेगा, फिलहाल यह कार्य पटना सदर, दानापुर और पटना सिटी निबंधन कार्यालयों में चल रहा है.