माओवादी संगठन का रीजनल कमांडर अभ्यास भुईंया ने किया सरेंडर, 15 लाख का था ईनामी
भाकपा माओवादी का रीजनल कमांडर अभ्यास भुईंया ने गुरुवार को गया में सरेंडर कर दिया. 12 वर्ष की उम्र से बिहार और झारखंड में दहशत फैलानेवाला अभ्यास भुईंया सरेंडर करते हुए अपना रायफल और 920 कारतूस सौंप दिया है.
गया. भाकपा माओवादी का रीजनल कमांडर अभ्यास भुईंया ने गुरुवार को गया में सरेंडर कर दिया. 12 वर्ष की उम्र से बिहार और झारखंड में दहशत फैलानेवाला अभ्यास भुईंया सरेंडर करते हुए अपना रायफल और 920 कारतूस सौंप दिया है. सीआरपीएफ 159 बटालियन के गया स्थित मुख्यालय में अभ्यास भुईंया उर्फ प्रेम भुईंया ने आत्मसमर्पण किया है. 34 वर्षीय अभ्यास भुईया उर्फ प्रेम भुईंया झारखंड के चतरा जिला अंतर्गत प्रतापपुर थाने के बंसी गांव का निवासी है.
2015 में रीजनल कमांडर बना दिया गया था
बताया जाता है कि 2015 में उसे रीजनल कमांडर बना दिया गया था, जबकि 2003 में ही नक्सली संगठन भाकपा माओवादी में ये शामिल हो गया था. पिछले 20 वर्षों में इसने करीब दो दर्जन बड़ी वारदातों को अंजाम दिया है. इसके खिलाफ रोशनगंज, इमामगंज, डुमरिया, लुटुआ, आमस समेत बिहार के कई थानों और झारखंड के कई थाने में कांड दर्ज हैं. झारखंड सरकार ने इसे गिरफ्तार करने के लिए कुल 15 लाख रुपए के इनाम रखे थे. बिहार सरकार ने भी इसपर इनाम घोषित कर रखा था.
सुरक्षाबलों की गिरफ्त में नहीं आया था अभ्यास भुईंया
बताया जाता है कि अभ्यास भुईंया आज तक सुरक्षाबलों की गिरफ्त में नहीं आया था. इसकी गिरफ्तारी के लिए सुरक्षाबलों ने कई बार ऑपरेशन चलाए, लेकिन यह हर बार बचने में कामयाब रहा. कई मौके पर मुठभेड़ भी हुए, लेकिन यह बच निकलता था. इस बीच 20 वर्षों तक संगठन में रहने के बाद उसने सुरक्षा बलों के अधिकारियों से आत्मसमर्पण के लिए संपर्क साधा और छकरबंधा के इलाके से सुरक्षित निकलने की बात सामने रखी. उसके इन बातों को लेकर छकरबंधा के इलाके से निकाल कर लाया गया और फिर विधिवत रूप से गुरुवार को सरेंडर कर दिया.
युवाओं को दिग्भ्रमित किया जाता है
पुलिस के सामने सरेंडर करने के बाद अभ्यास ने कहा कि परिवार के भविष्य को लेकर उसने सरेंडर किया है. गया एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि दुर्दांत नक्सली अभ्यास भुईंया ने सरेंडर कर दिया है. इसके खिलाफ बिहार- झारखंड में कई नक्सली मामले दर्ज हैं. इसके सरेंडर करने के बाद नियमानुसार आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी और पुनर्वास योजना का लाभ दिया जाएगा. इधर सीआरपीएफ 159 बटालियन के कमांडेंट कुमार मयंक ने कहा कि नक्सलियों द्वारा बहुत सारे युवाओं को दिग्भ्रमित किया जाता है. इसके साथ ही युवाओं को संगठन में शामिल करा लिया जाता है.