कृष्ण प्रताप सिंह
अयोध्या. श्रीराम नगरी अयोध्या में निर्माणाधीन मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम इंटरनेशनल एयरपोर्ट में गत सोमवार-मंगलवार के बीच की रात हुए हादसे में उसकी इमारत की दूसरी मंजिल से गिरकर बिहार निवासी एक 22 वर्षीय मजदूर की मौत हो गई. इससे पहले अगस्त में हुए एक अन्य हादसे में मध्य प्रदेश के भिंड जिले के निवासी एक मजदूर की जान चली गई थी. ताजा हादसे को मजदूरों के काम करने की स्थितियों पर नजर रखने वाली संस्थाओं द्वारा उक्त हादसे से कोई सबक न लेने के रूप में देखा जा रहा है. यह भी कहा जा रहा है कि मध्य प्रदेश के मजदूर की मौत के बाद एयरपोर्ट के मजदूरों की सुरक्षा के सम्यक एहतियाती उपाय सुनिश्चित कर लिये जाते, तो बिहार के मजदूर की जान बच जाती.
जानकारी के अनुसार बिहार के अररिया जिले में स्थित जामता का निवासी 22 वर्षीय अकबर पुत्र मोहम्मद कस्बुत अपने गांव के सात अन्य लोगों के साथ एयरपोर्ट पर मजदूरी करने अयोध्या आया था. उसको एवरेस्ट नामक संस्था ने काम पर लगाया था. चूंकि नवनिर्मित राम मन्दिर में 22 जनवरी को होने जा रहे रामलला के प्राणप्रतिष्ठा समारोह के मद्देनजर एयरपोर्ट का निर्माण जल्द से जल्द पूरा करने का दबाव है, इसलिए वहां दिन-रात काम हो रहा है और हादसे ही रात अकबर भी एयरपोर्ट के द्वार नंबर दो पर उसके तोरण द्वार को आकर्षक बनाने के लिए दूसरी मंजिल पर काम कर रहा था. कथित तौर पर वहां जीआरसी से संबंधित फैब्रिकेटेड स्ट्रक्चर स्थापित किये जाते वक्त वह अचानक नीचे आ गिरा.
कुछ देर के लिए किंकर्तव्यविमूढ़ हो गये उसके साथी मजदूरों ने अधिकारियों को खबर दी तो एंबुलेंस बुलाई गई और उसे दर्शननगर स्थित राजर्षि दशरथ मेडिकल कालेज भिजवाया गया. उसका भाई मसूद भी उसके साथ था, लेकिन डाक्टरों का कहना है कि मेडिकल कालेज पहुंचने तक उसकी हालत बहुत बिगड़ गई थी, जिस कारण उसकी प्राण रक्षा नहीं हो पाईं. पोस्टमार्टम के बाद उसका पार्थिव शव उसके भाई मसूद को सौंप दिया गया और पुलिस द्वारा उसके साथ हुए हादसे की जांच और कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है.
बता दें कि इससे पहले अगस्त में लगभग इसी तरह एयरपोर्ट के टर्मिनल में रंग-रोगन का काम कर रहे मध्य प्रदेश के एक मजदूर की मौत हो गयी थी. उसकी पहचान भिंड जिले के सुरपुरा थाना क्षेत्र का निवासी ऋषि यादव के रूप में की गई थी और अकबर की ही तरह उसकी उम्र भी 22 साल ही थी. टर्मिनल की रंगाई-पुताई को फाइनल टच देने के दौरान वह अचानक नीचे गिर पड़ा और उसके बचाया नहीं जा सका. एयरपोर्ट में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा के एहतियाती उपायों की कमी की बात उठी थी. ऐसे किसी हादसे के वक्त उन्हें फौरन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की व्यवस्था क्यों नहीं की गई है. लेकिन फिर बात आई गई हो गई और भुला दी गईं.