पटना की इन सड़कों पर चलते हुए बरतें खास सावधानी, जानें किस जगह होते हैं सबसे अधिक हादसे
पिछले साल सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं गांधी मैदान ट्रैफिक थाना क्षेत्र में हुईं. इस इलाके में जेपी गंगापथ और अटल पथ दुर्घटनाओं के हॉट स्पॉट बन गये हैं. पटना जिले में तीन ट्रैफिक थाने हैं-गांधी मैदान, बाइपास व सगुना मोड़ ट्रैफिक थाना.
नितिश, पटना. पटना जिले में वर्ष 2023 में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं अगस्त माह में हुईं, जबकि सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक मौत मई माह में हुई. वहीं, पिछले साल सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं गांधी मैदान ट्रैफिक थाना क्षेत्र में हुईं. इस इलाके में जेपी गंगापथ और अटल पथ दुर्घटनाओं के हॉट स्पॉट बन गये हैं. पटना जिले में तीन ट्रैफिक थाने हैं-गांधी मैदान, बाइपास व सगुना मोड़ ट्रैफिक थाना.
सबसे अधिक गांधी मैदान ट्रैफिक थाने में दुर्घटनाएं
इन तीन थानों में सबसे अधिक गांधी मैदान ट्रैफिक थाने में दुर्घटनाएं हुईं. गांधी मैदान ट्रैफिक थाने के अंर्तगत पटना के शहरी क्षेत्र शामिल हैं. इसमें जेपी गंगापथ, अटल पथ भी आते हैं, जबकि बाइपास थाने के तहत न्यू बाइपास का क्षेत्र आता है. सगुना मोड़ थाने के तहत पटना का पश्चिमी इलाका राजाबाजार से दानापुर, खगौल तक का आता है.
अधिकतर दुर्घटनाएं जेपी गंगा पथ व अटल पथ पर
जिला पुलिस की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले साल जुलाई माह में गांधी मैदान ट्रैफिक थाना क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओं में 11 लोगों की मौत हुई. इनमें से अधिकतर दुर्घटनाएं जेपी गंगा पथ व अटल पथ पर हुईं. इन दोनों ही सड़कों पर लोग काफी तेज रफ्तार से गाड़ी चलाते हैं, जिसके कारण सड़क दुघटनाएं हमेशा होती रहती हैं.
अगस्त में सबसे अधिक दुर्घटनाएं
जिला पुलिस की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार बीते वर्ष अगस्त माह में 37 सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं, जबकि मई माह में सड़क दुर्घटनाओं में 26 मौतें हुईं. रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 के दौरान सड़क दुर्घटनाएं, दुर्घटनाओं में मौत और घायलों की संख्या अधिक दर्ज की गयी. आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2022 में 355, जबकि वर्ष 2023 में 375 सड़क दुर्घटनाएं हुईं.
मई में सबसे अधिक मौत
आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2022 में सड़क दुर्घटनाओं में 194, जबकि वर्ष 2023 में 220 मौतें हुईं . वहीं वर्ष 2022 में सड़क दुर्घटनाओं में 201 लोग घायल हुए, जबकि वर्ष 2023 में घायलों की संख्या घटी है. बीते वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में 193 लोग घायल हुए हैं. खास बात यह है कि इनमें से अधिक दुर्घटनाएं तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने व ओवरटेक करने के कारण हुई.
वर्ष 2023
माह@सड़क दुर्घटनाओं की संख्या@मृतकों की संख्या@घायलों की संख्या
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जनवरी@24@13@11
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फरवरी@25@17@07
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मार्च@36@22@19
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अप्रैल@31@20@15
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मई@35@26@16
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जून@33@22@21
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जुलाई@35@23@20
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अगस्त@37@16@25
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सितंबर@31@17@16
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अक्तूबर@23@10@14
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नवंबर@33@19@15
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दिसंबर@32@15@14
वर्ष 2022
माह@सड़क दुर्घटनाओं की संख्या@मृतकों की संख्या@घायलों की संख्या
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जनवरी@35@27@24
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फरवरी@34@18@23
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मार्च@24@07@16
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अप्रैल@24@16@07
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मई@38@15@31
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जून@31@17@15
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जुलाई@29@17@13
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अगस्त@27@19@10
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सितंबर@28@16@16
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अक्तूबर@28@14@18
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नवंबर@26@11@13
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दिसंबर@31@17@15
राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में 13% की वृद्धि दर्ज की गई
अगर राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी ‘भारत में आकस्मिक मृत्यु और आत्महत्या 2022’ की नवीनतम रिपोर्ट को देखा जाये तो बिहार में पिछले वर्ष की तुलना में 2022 में सड़क दुर्घटनाओं में 13.1% की वृद्धि दर्ज हुई 2022 में राज्य भर में हुई 10,801 सड़क दुर्घटनाओं में 8,898 लोगों की मौत हो गई और 7,068 लोग घायल हो गए, जबकि 2021 में 9,553 दुर्घटनाएँ हुईं.
सड़क दुर्घटना के मामलों में बिहार 13वें स्थान पर
बिहार, मिजोरम, झारखंड, पंजाब और उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में घायलों से ज्यादा मौतें हुईं. पैदल यात्रियों की मौत के मामले में बिहार (3345) तमिलनाडु (4,427) के बाद दूसरे स्थान पर है. बिहार में 50% से अधिक दुर्घटनाएँ राजमार्गों पर हुईं. बिहार सरकार के अधिकारी NH-2 (वाराणसी-औरंगाबाद), NH-28 (छपरा-बेतिया), NH-30 (पटना-बख्तियारपुर) और NH- पर सड़क दुर्घटना की समस्या से निपटने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं. 57 (मुजफ्फरपुर-दरभंगा), जहां सबसे ज्यादा मौतें हुईं.