मुजफ्फरपुर के कुढ़नी में सो रही छात्रा पर एसिड अटैक, बदमाशों ने खिड़की से डाला तेजाब, हालत गंभीर
मुजफ्फरपुर के कुढ़नी में बीए की छात्रा पर एसिड से अटैक किया गया है. रात के समय अपने घर में सो रही छात्रा पर बदमाशों ने खिड़की से तेजाब फेंक दिया. जिससे गंभीर रूप से झुलस गयी. उसे एसकेएमसीएच के बर्न वार्ड में भर्ती कराया गया है.
मुजफ्फरपुर के कुढ़नी थाना अंतर्गत फकुली ओपी क्षेत्र के गांव की रहने वाली बीए की छात्रा पर एसिड से अटैक किया गया है. इसमें वह गंभीर रूप से झुलस गयी हैं. घटना गुरुवार देर रात करीब दो बजे की है. उसे एसकेएमसीएच के बर्न वार्ड में भर्ती कराया गया है. शुक्रवार शाम तक उसका बयान दर्ज नहीं हो सका था. परिजन दहशत में है. पुलिस ने चौकीदार से पूरे प्रकरण की जानकारी ली है. प्रारंभिक छानबीन में पुलिस प्रेम-प्रसंग में एसिड अटैक की बात कह रही हैं. वहीं परिजनों का आरोप है कि गांव के ही एक दबंग ने पुरानी अदावत में उनकी बेटी पर सोयी अवस्था में खिड़की से एसिड फेंककर उसे जलाने का प्रयास किया है.
छात्रा के शरीर का बायां हिस्सा एसिड से जल गया
छात्रा के शरीर का बायां हिस्सा एसिड से जल गया है. बायां हाथ भी कलाई तक पूरी तरह जल चुका है. मामले को गंभीरता से नहीं ले रही पुलिस. परिजनों को आरोप है कि कुढ़नी व फकुली ओपी ने उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया. न ही एसकेएमसीएच चौकी की पुलिस ने अब तक पीड़िता का बयान दर्ज किया है. छात्रा शहर के एक कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रही है. एसएसपी जयंतकांत ने बताया कि मामला गंभीर है. दोषी की जल्द गिरफ्तारी होगी. पुलिस पदाधिकारी की लापरवाही सामने आयेगी तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी.
रात में अचानक चीख उठी छात्रा
परिजनों ने बताया कि रात करीब दो से ढाई बजे के बीच छात्रा के कमरे से चीखने की आवाज आयी. वह जोर से कराह रही थी. परिजन उसके कमरे में पहुंचे तो देखा कि तरल पदार्थ उसके ऊपर फेंका हुआ था. वह जलन से बेहाल थी. इसके बाद परिजन उसे निजी वाहन से कुढ़नी पीएचसी ले गये. प्राथमिक उपचार के बाद उसे एसकेएमसीएच रेफर कर दिया.
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आजीवन कारावास तक की हो सकती है सजा
अधिवक्ता अंजनी कुमार व रत्नेश कुमार भारद्वाज ने बताया कि एसिड अटैक को हाल ही में क्रिमिनल लॉ (अमेंडमेंट) एक्ट, 2013 के माध्यम से आइपीसी के तहत एक अलग अपराध के रूप में पेश किया गया है. धारा 326 ए में एसिड फेंकने पर सजा का प्रावधान है. इसमें न्यूनतम सजा 10 साल की कैद है. इसे जुर्माने के साथ आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है.
पुनर्वास को तीन लाख रुपये का है प्रावधान
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को एसिड अटैक पीड़िता को चिकित्सा उपचार और देखभाल के बाद पुनर्वास के लिए तीन लाख रुपये देने का निर्देश दिया है. घटना के 15 दिनों के अंदर एक लाख रुपये और उसके बाद दो महीने के अंदर शेष राशि का भुगतान करने को कहा है.