Acid Fly Attack: देश के कई हिस्सों में इन दिनों नैरोबी मख्खी कहर बरपा रही है. उत्तर बंगाल और सिक्किम में सैकड़ों लोग संक्रमित हो गये है. बिहार के किशनगंज से सटे पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में भी एसिड फ्लाई संक्रमितों के मामले बड़ी संख्या में मिले है. इस मख्खी के प्रभाव से किशनगंज के लोग भी डरे और सहमे हुए हैं. यह मख्खी काफी जहरीली है और जिस जगह पर बैठ जाती है वो जगह भी जहरीली हो जाती है. बढ़ते खतरे को देखते हुए लोगों से बचाव के उपाय करते रहने की अपील की जा रही है. ‘नैरोबी मक्खी’ को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट किया है. बंगाल के रास्ते बिहार में प्रवेश करने की संभावना है.
किशनगंज जिले के सीमा क्षेत्र पश्चिम बंगाल में नैरोबी मख्खी ने आक्रमण कर दिया है. अब बिहार में आने का डर सताने लगा है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है. जानकारी के अनुसार नैरोबी मक्खियां न तो काटती हैं न ही डंक मारती हैं. इंसानी त्वचा पर बैठने भर से इनमें मौजूद अम्लीय पदार्थ त्वचा पर आ जाता है. जिसके कारण जलन और संक्रमण की स्थिति हो सकती है. मक्खियों के त्वचा से संपर्क में आने के 24 से 48 घंटे में ही त्वचा पर पीले रंग के तरल पदार्थ से भरे फफोले भी हो जाते हैं.
समय रहते संक्रमण का पता लगाकर इसका इलाज कराना आवश्यक होता है. यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का भी कारण बन सकते हैं. त्वचा में खुजली, चकत्ते होने पर नहीं करें लापरवाही नैरोबी संक्रमण के जोखिम और इसकी गंभीरता को ध्यान में रखते हुए सभी लोगों के लिए इससे बचाव के तरीकों के बारे में जानना जरूरी है. मक्खियों के संपर्क में आने के कुछ ही देर में इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं. त्वचा में खुजली, चकत्ते या दाने हों तो तुरंत डॉक्टर से मिलें.
स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि नैरोबी मक्खी बंगाल के रास्ते से बिहार में प्रवेश करने की संभावना है. नैरोबी मक्खी शरीर के किसी भी अंग पर बैठने से खुजलाहट व जलन कर घाव उत्पन्न करने तथा आंख पर बैठने से आंख की रोशनी चली जाती है. स्वास्थ्य विभाग ने नैरोबी मक्खी से फैलने वाली संक्रमण की रोक थाम के लिए अपने-अपने क्षेत्र में प्रचार प्रसार के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया है.