Bihar News: बिहार में जब सरकार बदली तो तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बने और स्वास्थ्य मंत्रालय की कमान उन्होंने अपने हाथों में ही ली. मंत्रालय में योगदान देते ही तेजस्वी यादव ने अस्पतालों में डॉक्टरों की हाजिरी को लेकर अपना इरादा स्पष्ट कर दिया. सरकार ने अब चिकित्सकों की उपस्थिति को गंभीरता से लेते हुए बायोमैट्रिक हाजिरी का प्रावधान किया है. वहीं स्वास्थ्य मंत्री के सख्त रवैये के बाद अब कई लापरवाह चिकित्सकों की मुसीबत बढ़ने लगी है.
मुंगेर जिले के सदर अस्पताल में पदस्थापित चिकित्सकों के खिलाफ लगातार शिकायत सामने आती रही है कि वो ड्यूटी से गायब रहते हैं. लगातार कार्य से गायब रहने के कारण मौजूदा समय में आ रही परेशानियों को लेकर स्वास्थ विभाग अब हरकत में आ चुका है. चिकित्सकों की कमी को लेकर लगातार गिरती विधि-व्यवस्था को लेकर इन चिकित्सकों पर अब कार्रवाई शुरू हो गयी है. अब आधा दर्जन से अधिक डॉक्टरों की समस्या अब बढ़ सकती है.
बता दें कि जिन 7 डॉक्टरों की मुसीबत बढ़ सकती है उनमें सदरअस्पताल में पदस्थापित चिकित्सक डॉ. अजीत कुमार सिंह, डॉ. शाहिद मुर्तुजा, डॉ. पंकज कुमार, डॉ. रजनीश रंजन, डॉ. रूपेश कुमार, डॉ. पप्पू सहित व डॉ. हर्षवद्धन शामिल हैं. जिन्होंने सदर अस्पताल में पदस्थापन के बाद कुछ समय कार्य किया गया फिर बिना किसी पुख्ता सूचना के गायब हो गये. इसको लेकर अस्पताल की व्यवस्था लचर हो गयी.
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डॉ. हर्षवद्धन और डॉ. पप्पू ने पूर्व में ही अपना त्याग-पत्र सौंप दिया है लेकिन अब तक सिविल सर्जन द्वारा इसे स्वीकार नहीं किया गया है. बकि अन्य पांचों चिकित्सक तबीयत खराब होने और बीमारी का बहाना बनाकर व्हाट्सएप पर ही मैसेज कर गायब हो गये, किसी चिकित्सक द्वारा नियमानुकूल मेडिकल छुट्टी नहीं ली गयी है. अब स्वास्थ्य विभाग के बड़े पदाधिकारियों के पास ये मामला पटना भेजा गया है. अब इस मामले पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
Published By: Thakur Shaktilochan