पटना. शिक्षा विभाग से बिना संबद्धता लिए वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कई कॉलेजों ने अपनी मनमर्जी से विभिन्न स्नातक सत्रों के लिए नामांकन लिये. विश्वविद्यालय ने मुहर भी लगा दी. परीक्षा करा दी. परीक्षा परिणाम भी घोषित कर दिये. परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद जब विद्यार्थी डिग्री लेने पहुंचे, तो उन्हें निराशा हाथ लगी. विश्वविद्यालय ने डिग्री देने से मना कर दिया. राजभवन पहुंचे इस मामले में कुलाधिपति ने कुलपति को निर्देशित किया है कि वह ऐसे काॅलेजों की लंबित संबद्धता पाने को एक आवश्यक अवसर के लिए राज्य सरकार से पत्राचार किया जाये, ताकि ऐसे कॉलेजों में परीक्षा में सफल छात्रों को डिग्री बांटी जा सके.
कुलाधिपति ने कुलपतियों की हालिया बैठक में इस मामले कुलपति को निर्देशित किया है कि इस तरह की अनियमितता करने वाले दोषी पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाये. बिना संबद्धता वाले कॉलेजों से डिग्री हासिल करने वाले विद्यार्थियों की संख्या 15 हजार से अधिक बतायी गयी है.
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक वर्तमान हालात यह है कि विश्वविद्यालय के सिंडिकेट ने प्रस्ताव पास करके शिक्षा विभाग से आग्रह करने जा रहा है कि इस मामले को एक बार के नामांकन मान कर कॉलेजों को संबद्धता प्रदान करे. सरकार इस दिशा में अभी मंथन कर रही है. सूत्रों के मुताबिक बिना संबद्धता के नामांकन कराने से लेकर परीक्षा फल घोषित करने तक की कवायद लगातार 2015-18, 2016-19 और 2017-2020 के शैक्षणिक सत्र तक की गयी.
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इसी तरह अन्य विश्वविद्यालयों को स्नातकोत्तर परीक्षा कराने की तिथियां तय की गयीं.