पटना में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कसा जायेगा शिकंजा, अभियान चलाकर की जाएगी कार्रवाई
भियान में अनुमंडलीय अस्पताल व बड़े प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारियों को शामिल किया जायेगा. प्रभारी अपने-अपने क्षेत्र के पीएचसी व अनुमंडलीय अस्पतालों के तहत अवैध रूप से क्लीनिक संचालित करने वालों की सूची तैयार करेंगे.
पटना जिले में मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले झोलाछाप के इलाज पर शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है. सिविल सर्जन कार्यालय इन झोलाछाप की सूची तैयार करेगा. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम इन पर कार्रवाई करेगी. टीम के गठन के बाद यह अभियान शुरू किया जायेगा. पटना जिले में वर्तमान में 23 प्रखंड में बड़ी संख्या में झोलाछाप मरीजों को इलाज मुहैया करा रहे हैं. कई बार इलाज से फायदा होने के बजाय मरीजों की जिंदगी दांव पर लग रही है. झोलाछाप डॉक्टरों पर शिकंजा कसने के लिए सिविल सर्जन के निर्देश पर इन झोलाछाप डॉक्टरों की सूची तैयार की जायेगी.
गलत इलाज के बाद मरीज करते हैं शिकायत
इस अभियान में अनुमंडलीय अस्पताल व बड़े प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारियों को शामिल किया जायेगा. प्रभारी अपने-अपने क्षेत्र के पीएचसी व अनुमंडलीय अस्पतालों के तहत अवैध रूप से क्लीनिक संचालित करने वालों की सूची तैयार करेंगे. इसमें बिना डिग्रीधारकों की भी लिस्ट तैयार की जायेगी. बताया जा रहा है कि पटना जिले में करीब 50 के आसपास झोलाछाप डॉक्टर हैं, जो खासकर ग्रामीण इलाके में प्रैक्टिस कर रहे हैं. जरूरत पड़ने पर स्वास्थ्य टीम स्थानीय पुलिस व जिला प्रशासन से भी मदद ले सकती है.
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ केके राय ने बताया कि बिना मेडिकल डिग्री प्रैक्टिस करना नियम के खिलाफ है. कई बार गलत इलाज के बाद मरीजों की हालत खराब हो जाती है, जांच में पता चलता है कि वह झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराये थे. गलत इलाज के बाद मरीज शिकायत भी करते हैं. जिसको देखते हुए झोलाछाप डॉक्टरों को कई बार प्रैक्टिस बंद करने की अपील भी की जा चुकी है. वहीं जो लोग आज भी प्रैक्टिस कर रहे हैं, उनकी सूची मंगायी गयी है, ताकि मरीजों का गलत इलाज नहीं हो.
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इन जगहों पर प्रैक्टिस करते हैं झोलाछाप
पटना सिटी, फुलवारी शरीफ, पालीगंज, फतुहा, खुसरुपुर, दानियावां, बख्तियारपुर, बाढ़, बेल्छी, अथमलगोला, मोकामा, पंडारक, घोसवारी, बिहटा, मनेर प्रखंड, नौबतपुर, दुल्हिन बाजार, बिक्रम, धनरुआ, पुनपुन आदि इलाके हैं जहां सूत्रों की मानें, तो आज भी झोलाछाप डॉक्टर धड़ल्ले से प्रैक्टिस करते हैं.