बिहार: गया जिले के पांच फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई, ट्रेनिंग सर्टिफिकेट से लेकर मार्कशीट तक निकले नकली
गया के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने नियोजन इकाइयों से शिक्षक नियोजन नियमावली के तहत सेवा मुक्त व प्रशासनिक कार्रवाई करने की अनुशंसा की है तथा कार्रवाई को लेकर विभाग को भी सूचित करने का निर्देश दिया है.
हरिबंश कुमार, गया. बिहार में फर्जी शिक्षकों का बहाल होना कोई नयी बात नहीं है. धीरे-धीरे फर्जी शिक्षकों की बहाली का मामला सामने आ रहे हैं. फर्जी बहाली के कारण कई प्रतिभावान अभ्यर्थी शिक्षक बनने से दूर रह गए हैं. इसी कड़ी में गया जिले के मोहड़ा, फतेहपुर, वजीरगंज व आमस के विभिन्न स्कूलों में कार्यरत पांच फर्जी शिक्षकों पर शनिवार को कार्रवाई की अनुशंसा की गई. यह अनुशंसा जिला शिक्षा पदाधिकारी ने विभिन्न नियोजन ईकाइयों से की है.
डीइओ ने की कार्रवाई की अनुशंसा
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने नियोजन इकाइयों से शिक्षक नियोजन नियमावली के तहत सेवा मुक्त व प्रशासनिक कार्रवाई करने की अनुशंसा की है तथा कार्रवाई को लेकर विभाग को भी सूचित करने का निर्देश दिया है. 2019-20 की बहाली प्रक्रिया में शामिल हुए इन सभी शिक्षकों को फरवरी 2022 में शिक्षक के रूप में नियुक्ति पत्र दिया गया था. शिक्षक बहाली के दौरान मेरिट में जगह बनाने के लिए फर्जी अंक पत्र में नंबर अत्यधिक अंकित किया गया था. बहाली के बाद से सभी फर्जी शिक्षक वेतन का भुगतान भी ले रहे थे.
इन शिक्षकों पर कार्रवाई की अनुशंसा
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पप्पु मंडल, प्राथमिक विद्यालय दशरथ नगर, गेहलौर पंचायत, मोहड़ा
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अमर कुमार, मध्य विद्यालय पंडितपुर सोहड़ी, मोहड़ा
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अमर कुमार, प्राथमिक विद्यालय रामपुर, ग्राम पंचायत केनार, वजीरगंज
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पिंटू पासवान, प्राथमिक विद्यालय कोलसार, ग्राम पंचायत सांवकला, आमस
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मुकेश कुमार यादव, प्राथमिक विद्यालय एकम्बा, ग्राम पंचायत मतासो, फतेहपुर
झारखंड एकेडमी काउंसिल की जांच में खुलासा
जांच के दौरान सभी पांच फर्जी शिक्षकों के शिक्षक प्रशिक्षण प्रमाणपत्र से लेकर अंक पत्र की जांच को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने इसे झारखंड एकेडमी काउंसिल रांची को भेजा था. जिसके बाद संयुक्त सचिव (सत्यापन), झारखंड एकेडमी काउंसिल रांची ने जांच रिपोर्ट डीइओ गया को भेजी, जिसमें संबंधित शिक्षकों का नाम, रौल नंबर, रौल कोड व सत्र का रजिस्टर से मिलाने करने पर संबंधित प्रमाण व अंक प्रमाण पत्र काउंसिल द्वारा निर्गत नहीं बताया गया.