फुलवारी आतंकी स्कूल: पीएफआइ पर कार्रवाई, पटना से लेकर लखनऊ तक छापे, दरभंगा का अधिवक्ता गिरफ्तार

पीएफआइ की आड़ में चलाये जा रहे देश विरोधी मुहिम और आतंकी पाठशाला मामले में पुलिस व एटीएस की टीम ने शनिवार को पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और लखनऊ समेत कई स्थानों पर छापेमारी की. इस मामले में नामजद अभियुक्त नुरुद्दीन जंगी को गिरफ्तार किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | July 17, 2022 6:41 AM

पटना/फुलवारीशरीफ. पीएफआइ की आड़ में चलाये जा रहे देश विरोधी मुहिम और आतंकी पाठशाला मामले में पुलिस व एटीएस की टीम ने शनिवार को पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और लखनऊ समेत कई स्थानों पर छापेमारी की. इस मामले में नामजद अभियुक्त नुरुद्दीन जंगी उर्फ एडवोकेट नुरुद्दीन को शनिवार की शाम लखनऊ के आलमबाग थाना क्षेत्र के मवैया मैट्रो स्टेशन के समीप से गिरफ्तार किया गया. यह मूल रूप से दरभंगा के उर्दू बाजार, शेर मोहम्मद गली का रहने वाला है. पुलिस टीम इसे लेकर पटना लौट रही है.

थाने में दर्ज प्राथमिकी का नामजद अभियुक्त

रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर जलालुद्दीन, अतहर परवेज व अरमान मलिक के बाद यह चौथी गिरफ्तारी है. साथ ही पुलिस टीम ने तीन अन्य संदिग्ध को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ हो रही है. नुरुद्दीन पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) की आड़ में भारत विरोधी गतिविधियों में सहयोग का आरोप है. फुलवारीशरीफ के एएसपी मनीष कुमार ने बताया कि नुरुद्दीन जंगी के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य मिले हैं. वह फुलवारीशरीफ थाने में दर्ज प्राथमिकी का नामजद अभियुक्त हैं.

पीएफआइ संगठन को दरभंगा में सक्रिय किया था

उसकी गिरफ्तारी यूपी एटीएस के सहयोग से की गयी. इस बीच, फुलवारीशरीफ थाने में दर्ज प्राथमिकी के तमाम अभियुक्तों को पकड़ने के लिए पुलिस टीम पटना के साथ ही बिहार के अन्य जिलों में छापेमारी कर रही है. पुलिस और एटीएस की टीम ने शनिवार को मुजफ्फरपुर जिले के सकरा के गौरीहर में मजहरुल इस्लाम की खोज में भी छापे मारे. इसी क्रम में पुलिस टीम नुरुद्दीन को पकड़ने के लिए दरभंगा पहुंची, लेकिन वहां जानकारी मिली कि उसने अपना ठिकाना लखनऊ में बना लिया है. इसने पीएफआइ संगठन को दरभंगा में सक्रिय किया था और युवाओं को इससे जोड़ा था.

पीएफआइ संगठन की नींव डाली

इधर जांच में पता चला है कि अतहर परवेज पटना जिला में पीएफआइ संगठन को ऑपरेट करता था, जबकि अरमान मलिक संगठन को सक्रिय रखने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए फंड का इंतजाम करता था. पुलिस को जांच में यह जानकारी मिली है कि परवेज व अरमान ने ही पटना में पीएफआइ संगठन की नींव डाली थी. अतहर के पास युवकों को मार्शल आर्ट सीखाने की आड़ में ब्रेनवॉश करने व देश विरोधी कार्यों में शामिल करने की जिम्मेदारी थी तो अरमान को कार्यालय खोलने, फंड जुटाने व धनी लोगों को धर्म के नाम पर जोड़ कर उनसे चंदा आदि लेने का दायित्व सौंपा गया था.

दरभंगा में तीन संदिग्धों की हो रही है तलाश

दरभंगा के एसएसपी अवकाश कुमार ने बताया कि पीएफआइ मामले के तीन आरोपी दरभंगा के रहने वाले हैं. इनमें से एक नुरुद्दीन जंगी को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा शंकरपुर के मुस्तकीम और सनाउल्लाह उर्फ अकीब की खोज हो रही ह

अतहर परवेज व अरमान से हो रही है पूछताछ

इस मामले में 26 नामजद अभियुक्तों में से अब तक चार की गिरफ्तारी हो चुकी है. इधर, पीएफआइ संगठन के गिरफ्तार अतहर परवेज व अरमान मलिक को पुलिस व एटीएस ने दो दिनों के रिमांड पर ले लिया है और गुप्त जगह पर दोनों से सुरक्षा एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं.

एनआइए और इडी को सौंपी जा सकती है जांच

पटना. फुलवारी मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) और प्रवर्तन निदेशालय (इडी) को जल्द सौंपी जा सकती है. फुलवारी में हिंसा फैलाने की साजिश का खुलासा और पाकिस्तान स्थित चरमपंथी संगठन तहरीक -ए- लब्बैक से जुड़े एक युवक की गिरफ्तारी के बाद जांच का दायरा बढ़ाने की तैयारी है. अब तक पुलिस, सेंट्रल इंटेलिजेंस और एटीएस जांच कर रही है. शक है कि दानिश स्लीपर सेल के रूप में काम कर रहा था. उससे इलिसा नाम की एक लड़की के बारे में भी पूछताछ की जा रही है.

एसडीपीआइ के टिकट पर लड़ा था चुनाव

लखनऊ से गिरफ्तार नुरुद्दीन ने एक मुसाफिरखाने में अपना ठिकाना बनाया था. इसने उस जगह पर पीएफआइ से जुड़े कई अन्य लोगों के साथ बैठक भी की थी. पटना पुलिस ने लखनऊ पुलिस को इस संबंध में जानकारी दे दी है. इसके कारण अब नुरुद्दीन की लखनऊ में भूमिका के संबंध में यूपी पुलिस भी अब जांच कर रही है. नुरुद्दीन जंगी उर्फ एडवोकेट नुरुद्दीन वर्ष 2015 में पीएफआइ के दरभंगा जिला अध्यक्ष के संपर्क में आया और तब से इससे जुड़ा है.

2017 में विधि स्नातक की उपाधि प्राप्त कर चुका है

नुरुद्दीन ने 2020 में दरभंगा विधानसभा क्षेत्र से एसडीपीआइ के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था. उसने बताया कि वह लखनऊ में रुक कर पीएफआइ व एसडीपीआइ के सदस्यों के मुकदमों की पैरवी विभिन्न अदालतों में कर रहा था. वह दरभंगा से वर्ष 2017 में विधि स्नातक की उपाधि प्राप्त कर चुका है.

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