बिहार में रैयतों की जमाबंदियों में 15 अप्रैल तक सुधार नहीं करने वाले अधिकारियों और कर्मियों पर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग कार्रवाई करेगा. तय समय-सीमा में जमाबंदी सुधार करने को लेकर विभाग के मंत्री आलोक कुमार मेहता के निर्देश पर सभी समाहर्ताओं को पत्र लिखा गया है. इसमें निर्धारित अवधि तक जमाबंदी में सुधार नहीं करने वाले कर्मियों और अधिकारियों की पहचान कर विभाग को सूचित करने का निर्देश दिया गया है. समाहर्ताओं की रिपोर्ट के आधार पर विभाग संबंधित लापरवाह अधिकारियों और कर्मियों पर कार्रवाई करेगा.
सूत्रों के अनुसार ये त्रुटियां जमाबंदी को ऑनलाइन करने के दौरान हुई थीं. ऑनलाइन दाखिल- खारिज की सुविधा शुरू करने से पहले राज्य की साढ़े तीन करोड़ से अधिक जमाबंदियों को डिजिटाइज और ऑनलाइन किया गया था. इन त्रुटियों को ठीक करने के लिए विभाग द्वारा परिमार्जन नाम से एक पोर्टल भी शुरू किया गया था, लेकिन इसके बेहतर परिणाम नहीं मिलने से विभाग ने पहले की जमाबंदी पंजी से ऑनलाइन को मिलान करके ऑनलाइन जमाबंदी में सुधार करने का लक्ष्य सभी अंचल अधिकारियों को दिया. साथ ही अपर समाहर्ताओं एवं भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं को भी इसे जल्द पूरा करवाने का लक्ष्य दिया गया है.
राजस्व विभाग द्वारा 22 फरवरी, 2023 से राजस्व अभिलेखों की डिजिटल हस्ताक्षरित प्रति ऑनलाइन उपलब्ध कराने की एक नयी सेवा की शुरुआत की गयी है. इसमें जमाबंदी की प्रति उपलब्ध कराने की सुविधा भी शामिल है. इस सुविधा के बाद 10 रुपये प्रति पृष्ठ की दर से ए4 साइज के कागज पर डिजिटल हस्ताक्षरित कॉपी उपलब्ध करायी जा रही है.
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने कहा कि जमाबंदियों को दुरुस्त करने की समय -सीमा नहीं बढ़ाई जायेगी. पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता के तहत यह लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसमें ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जायेगी.
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राज्य के 38 जिलों में रैयतों के फिलहाल करीब 4.12 करोड़ जमाबंदी हैं. उनमें कई तरह की त्रुटियां हैं. रैयतों के नाम, खाता, खेसरा, रकबा, लगान आदि से संबंधित कई तरह की त्रुटियों का निराकरण किया जाना है. 13 मार्च तक 86 लाख 45 हजार 390 जमाबंदियों में सुधार कर कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा राजस्व अधिकारियों को भेजा जा चुका है. इसमें से अंचल अधिकारियों द्वारा 62 लाख 80 हजार 318 जमाबंदियों में सुधार किया गया है. करीब सात लाख 55 हजार 118 लंबित हैं. इनका सुधार 15 अप्रैल तक करने का निर्देश दिया गया है.