मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को सूबे के 500 थानों में एक साथ महिला हेल्प डेस्क सुविधा शुरू की. इसके साथ ही बिहार पुलिस का अपडेटेड वेबसाइट और सोशल मीडिया सेंटर का उद्घाटन भी किया. इन महिला हेल्प डेस्क को महिला पुलिस पदाधिकारी व महिला कर्मियों द्वारा ही संचालित किया जायेगा ताकि पीड़िताएं आसानी से अपनी बात रख सकें. प्रथम चरण में 500 थानों में यह व्यवस्था की गयी है.
अधिकारियों ने बताया कि बिहार पुलिस का नया वेबसाइट यूजर फ्रेंडली होगा. स्क्रीन रीडर की सुविधा होने से दृष्टिहीन भी इसके कंटेट को सुन सकते हैं. इस वेबसाइट में सिटीजन सर्विस होने से आम व्यक्ति प्राथमिकी, गुमशुदा व्यक्तियों आदि के संबंध में जानकारी ले सकेंगे. इसमें जिलों के तमाम पुलिस अधिकारियों के नंबर भी उपलब्ध रहेंगे. तीसरे सोशल मीडिया केंद्र के शुभारंभ का उद्देश्य आम लोगों को यथाशीघ्र सही और सटीक जानकारी उपलब्ध कराना है, ताकि भ्रामक खबरों का खंडन हो सके. यह हफ्ते में सात दिन और लगातार 24 घंटे काम करेगा. इसमें प्रतिनियुक्ति कर्मियों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है.
समारोह में पुलिसकर्मियों को वीरता पदक और विशिष्ट सेवा पदक के साथ ही आम लोगों को भी उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया. सम्मानित होने वालों में सीनियर डीएसपी रमाकांत प्रसाद, इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार, इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार मेधावी, पुलिस अवर निरीक्षक धनराज कुमार, सिपाही धर्मेंद्र कुमार, सिपाही उत्तम कुमार, शहीद उदय प्रताप सिंह के मरणोपरांत उनकी पत्नी ललिता देवी को, डीएसपी अजीत कुमार सिंह, रिटायर्ड इंस्पेक्टर मो कमालुद्दीन शामिल रहे. इनके अलावा समस्तीपुर इंडियन बैंक के वरीय प्रबंधक आशीष कुमार, समस्तीपुर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पंकज कुमार राय और मोतिहारी से पीएनबी के शाखा प्रबंधक अभिषेक प्रियदर्शी को दस-दस हजार रुपये का प्रोत्साहन पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया.
मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने रूट लाइनिंग, बंदोबस्त या विधि व्यवस्था के समय मोबाइल चलाने वाले पुलिसकर्मियों को नसीहत देते हुए कहा कि ड्यूटी के समय मोबाइल को या तो घर छोड़ कर आएं या पॉकेट के अंदर के हाजत में बंद कर चाबी अलग रख लें. सोशल मीडिया के इस्तेमाल में सतर्क रहें. कोई भी ऐसी चीज सोशल मीडिया पर न पोस्ट की जाये, जिससे पुलिस की गरिमा को ठेस पहुंचे. सरकारी कार्यकलाप या उपलब्धियां पुलिस की ऑफिशियल सोशल मीडिया पर ही शेयर किये जाये. इसे व्यक्तिगत सोशल मीडिया हैंडल पर न पोस्ट किया जाये. ऐसा जिन लोगों ने किया, उनको कठिनाई हुई है. इसलिए बहुत सतर्क रहें, यह हमारा आह्वान है. मुख्य सचिव ने कहा कि बिहार पुलिस की सफलता के चार महत्वपूर्ण स्तंभ हैं. इसमें आधारभूत संरचना और मानव बल क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. तीसरे कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए तेजी से काम हो रहा है. लेकिन चौथे बिंदु गरिमामय आचरण पर ध्यान देने की जरूरत है. मौजूदा समय सोशल मीडिया और ब्रेकिंग न्यूज का है. इसलिए पुलिसकर्मी हर वक्त सतर्क रहें. जाने-अनजाने में एक छोटा सा खराब आचरण हमारे सारे अच्छे कामों पर पानी फेर जाता है.
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डीजीपी आरएस भट्ठी ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अपराध का स्वरूप बदल रहा है. नयी चुनौतियां सामने आ रही हैं. अवैध खनन, शराब के अवैध कारोबार, साइबर क्राइम जैसे संगठित अपराध और अपराध की बदलती शैली के हिसाब से बिहार पुलिस को खुद को तैयार करना होगा. अपराध नियंत्रण, कानून एवं शांति व्यवस्था और सामाजिक सौहार्द बनाये रखने को लेकर हम प्रतिबद्ध हैं. मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में हम सभी चुनौतियों का मिल कर सामना करेंगे. उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों की समस्याओं का समाधान और कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. उनकी व्यवहारिक दक्षता और निजी जीवन के माहौल को बेहतर बनाने के लिए सभी कदम उठायेंगे.