Adhik Maas Sawan Somwar 2023: बाबा मंदिर में लगा भक्तों का तांता, कांवरियों से पट अजगैवी नगरी

Adhik Maas Sawan Somwar 2023 इस साल सावन में अधिकमास लगने से सावन 2 महीने का हो गाया है. इसी कारण कुल 8 सावन सोमवार व्रत पड़ेंगे. आज पुरुषोत्तम मास की पहली सोमवारी तथा सावन की तीसरी सोमवारी

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 24, 2023 6:03 AM

पुरुषोत्तम मास की पहली सोमवारी (Adhik Maas Sawan today first Somwar) तथा सावन की तीसरी सोमवारी से पहले बाबाधाम में कांवरियों का तांता लगा रहा. रविवार को कांवरिया पथ में जत्थे में भक्त बाबाधाम की ओर आते दिखे. उमस भरी गर्मी के बावजूद भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ और दिन चढ़ने के साथ कांवरियों की संख्या बढ़ती गयी. कांवरियों की बढ़ते संख्या को देखते हुए सोमवारी पर काफी भीड़ होने की संभावना है. इससे पहले हर दिन की तरह रविवार को बाबा मंदिर का पट अहले सुबह 3:15 बजे खुला. इसके पूर्व पुजारी ने चली आ रही परंपरा के अनुसार मां काली के मंदिर में दैनिक पूजा करने के बाद बाबा मंदिर में प्रवेश कर कांचा जल पूजा शुरू की. इसके बाद बाबा भोलेनाथ की षोड्शोपचार विधि से सरदारी पूजा की गयी. वहीं सुबह 4:06 बजे से आम कांवरियों के लिए अरघा के माध्यम से जलार्पण प्रारंभ कराया गया. पट खुलने के पूर्व कांवरियों की कतार पंडित शिवराम झा चौक तक पहुंच गयी थी. पट खुलते ही कतार क्यू कॉम्प्लेक्स में आकर सिमट गयी. सुबह करीब आठ बजे तक भक्तों को हनुमान मंदिर चौक से ही प्रवेश कराया जा रहा था. वहीं भीड़ कम होने पर कांवरियों को मानसरोवर ओवरब्रिज से गर्भ गृह तक भेजने की व्यवस्था को जारी रही.


सावन की तीसरी सोमवारी आज

सुलतानगंज. सावन की तीसरी सोमवारी के मद्देनजर रविवार को लगभग 30 हजार कांवरिये अजगैवीनगरी से गंगा जल भर कर बाबाधाम के लिए रवाना हुए. अजगैवीनगरी बोलबम के नारों से गुंजायमान है. सरकारी आंकड़े के अनुसार शाम चार बजे तक 18 हजार 650 सामान्य कांवरिये और 732 डाक बम बाबाधाम रवाना हो चुके थे. बड़ी संख्या में कांवरिये वाहन से भी बाबाधाम रवाना हो रहे हैं. जो रिकार्ड में दर्ज नहीं होता है. हालांकि, चार बजे के बाद देर शाम तक कांवरिये रवाना होते रहे. नेपाल, ओडिशा, बंगाल, झारखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ व बिहार के कांवरिये अधिक संख्या में देखे जा रहे हैं. इधर, गंगा का जल स्तर भी बढ़ रहा है. नयी सीढ़ी घाट पर पानी का स्तर बढ़ने से कच्ची घाट पर फिसलन व कीचड़ हो गया है. इससे से बचकर कांवरियों को स्नान के लिए गंगा में उतरना पड़ता है. प्रशासन भी कांवरियों की सुविधा के लिए पूरी तरह से तत्पर है.

बाबा के प्रति है अपार आस्था

सुलतानगंज से जल भरकर जा रहे कांवरियों में बाबा के प्रति अपार आस्था है. कांवरिया सुभाष कुमार ने कहा कि काफी दिनों से नौकरी के लिए परेशान था. बाबा के दरबार में माथा टेकने के साथ ही नौकरी मिल गयी. चास, बोकारो के सुधांशु हांसदा ने बताया कि तीन साल से लगातार जलार्पण कर रहे हैं. बाबा से जो मांगे थे, वह मिल गया. इच्छा है कि हर साल जलार्पण के लिये बाबा के दर जाउं. इसी तरह यूपी के कांवरिया पराशर खेतान कहते हैं कि शादी हो गयी, लेकिन नौकरी नहीं लग रही थी. अब खुशहाली है. बाबा के यहां जाने से ही सब संभव हो पाया.

ब्रजलेश्वरधाम में सावन की तीसरी सोमवारी पर जुटेंगे शिवभक्त

बिहपुर. ब्रजलेश्वरधाम मड़वा में सावन की तीसरी सोमवारी पर महादेव व मां पार्वती को जल अर्पित करने शिवभक्तों का जुटान होगा. हालांकि मलमास होने से शिवभक्तों की संख्या में कमी आ सकती है, लेकिन सोमवारी पर मेला कमेटी के सदस्यों ने चाक चौबंद व्यवस्था की है. मेला कमेटी के अध्यक्ष मनोहर चौधरी, श्यामसुंदर राय, विमल शर्मा व गोपाल चौधरी ने बताया मंदिर का गेट खुला रहेगा. मंदिर में पूजा के बाद शिवभक्तों के लिए गर्भगृह का दरवाजा खोल दिया जायेगा. सावन की सोमवारी पर शिवभक्त सुलतानगंज के अगुवानी गंगा घाट से जल लेकर करीब 41 किलोमीटर पैदल चल कर महादेव को जल अर्पित करते हैं.

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