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बिहार में जमीन की दाखिल-खारिज को लेकर अब नई व्यवस्था, एडीएम करेंगे केवाला की जांच

Bihar Land Mutation: राजस्व विभाग ने नकली केवाला के आधार पर होने वाली जमाबंदी और दाखिल खारिज को रोकने के लिए नई व्यवस्था तैयार की है.

Bihar Land Mutation: बिहार में 20 साल पहले के केवाला की जांच एडीएम से करने के बाद ही उस केवाला के आधार पर दाखिल खारिज या जमाबंदी कायम किया जायेगा. यह नई व्यवस्था राज्य में नकली केवाला के आधार पर दाखिल खारिज रोकने के लिए की गई है. इसके तहत केवाला को इससे पहले राजस्व विभाग के किसी सिस्टम में यदि नहीं लाया गया हो तभी एडीएम से जांच होगी. यह जानकारी शुक्रवार को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल ने अपने विभागीय सभाकक्ष में संवाददाता सम्मेलन में दी.

यहां कर सकते हैं शिकायत

इसके साथ ही अंचल कार्यालयों सहित विभागीय कामकाज में भ्रष्टाचार के किसी भी मामले की सूचना या शिकायत के लिए उन्होंने आम लोगों से अपील की है. इसके लिए लोग विभाग के अपर मुख्य सचिव या मंत्री के ई-मेल आईडी revenueminister.bihar@gmail.com पर सीधे शिकायत कर सकते हैं.

तीन दर्जन अंचल अधिकारियों पर कार्रवाई

किशनगंज जिला में बहादुरगंज अंचल में रिश्वत लेते हुये एक कानूनगो और एक अमीन को पकड़कर लोगों ने पुलिस के हवाले कर दिया. इस दौरान मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि काम में अनियमितता मामले में फिलहाल करीब तीन दर्जन अंचल अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है. मैं इस कुर्सी पर दाग नहीं लगने दूंगा, मैं किसी भी भ्रष्टाचारी कर्मचारी और अधिकारी पर हर हाल में कार्रवाई होगी.

मंत्री ने बताया कि नकली केवाला का एक रैकेट करीब तीन साल से राज्य में सक्रिय है. इससे जुड़े लोग 20-30 लाख रुपये लेकर 100 साल पहले का केवाला तैयार कर देते हैं. उस बारे में निबंधन कार्यालय बताता है कि इसका रिकॉर्ड नहीं है. उस केवाला के नंबर वगैरह की जानकारी दिखती है, लेकिन रैयत का पूरा विवरण नहीं दिखता. ऐसे में माफिया नकली केवाला में जमीन मालिक का नाम बदल देते हैं. ऐसे करीब एक दर्जन मामले पूर्णिया सहित कई जिलों में आये और नकली केवाला पकड़ा गया है. ऐसे ही मामले में हाल ही में रूपौली विधानसभा में गोपाल यादुका का कत्ल हुआ. ऐसे में नई व्यवस्था से जमीन माफियाओं द्वारा हत्या के दौर पर लगाम लगेगा.

न्यायिक प्रक्रिया में सुधार के लिए लॉन्च हुआ है पोर्टल

मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल ने बताया कि विभाग ने न्यायिक प्रक्रिया में सुधार के लिए एक पोर्टल लांच किया है. इसमें अंचल अधिकारी, भूमि सुधार उपसमाहर्ता और अपर समाहर्ता द्वारा प्रत्येक सुनवाई दी जायेगी. साथ ही अंतिम सुनवाई के दिन ही शाम तक आदेश पारित कर पोर्टल पर डालना होगा.

मामले का निराकरण अधिकतम 90 दिन में करना होगा. आवेदक को सुने बिना आवेदन खारिज नहीं करेंगे, उसका जिक्र पोर्टल पर अनिवार्य रूप से करेंगे. साथ ही डीएम और कमिश्नर भी मामलों की नियमित समीक्षा करेंगे. विभाग में अब जमाबंदी सहित अन्य सुधार के लिए परिमार्जन प्लस पोर्टल शुरू किया गया है. साथ ही ई-मापी की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की गई है. सरकारी जमीन की दाखिल खारिज के लिए भी नया पोर्टल शुरू किया गया है.

राजस्व कर्मचारियों का तबादला

शहरी क्षेत्रों में दो वर्ष से पदस्थापित राजस्व कर्मचारियों का ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थापन किया जायेगा. वहीं पांच साल से अधिक समय से एक ही जगह पदस्थापित राजस्व कर्मचारियों के तबादले का सभी डीएम को निर्देश दिया गया था. करीब 18 जिलों ने यह कार्रवाई कर रिपोर्ट दी है. अन्य जगह कार्रवाई हो रही है. इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगा.

दस हजार सर्वे कर्मियों को मुख्यमंत्री देंगे नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों इस महीने के अंत तक करीब दस हजार नवनियुक्त सर्वे कर्मियों को नियुक्ति पत्र दिया जायेगा. इसमें विशेष सर्वेक्षण अमीन-8035, विशेष सर्वेक्षण कानूनगो-458, विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी-353 और विशेष सर्वेक्षण लिपिक-742 हैं. इनके माध्यम से सभी 38 जिलों में भूमि सर्वेक्षण शुरू होगा.

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