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Dengue In Bihar: बच्चों को स्कूल-कॉलेज भेजने से पहले जान लें ये बात, डेंगू को लेकर हेल्थ एडवाइजरी जारी

बिहार में बढ़ रहे डेंगू के मामलों को देखते हुए डीडीसी तनय सुल्तानिया ने बैठक की. इस बैठक में डेंगू के रोकथाम को लेकर हो रही तैयारियों पर चर्चा की गई. साथ ही विद्यालयों तथा सभी महाविद्यालयों के लिए हेल्थ एडवायजरी जारी की गई.

बिहार में डेंगू के बढ़ रहे मामलों ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है. इसी बीच राजधानी पटना में बढ़ रहे डेंगू के प्रसार पर नियंत्रण के लिए हो रही व्यवस्था को लेकर शनिवार को डीडीसी तनय सुल्तानिया ने बैठक की. इस मीटिंग के बाद जिला प्रशासन ने बच्चों-छात्रों को डेंगू से बचाने के लिए एक एडवायजरी जारी की है. सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों व महाविद्यालयों के प्राचार्यों को दी गयी एडवाइजरी में यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि छात्र-छात्राएं पूरी बांह की शर्ट और फुल पैंट पहनकर स्कूल आएं.

रैपिड रिस्पॉन्स टीम को सक्रिय रखने का निर्देश

डीडीसी तनय सुल्तानिया द्वारा की गई इस बैठक में स्वास्थ्य विशेषज्ञों, विभिन्न अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों/प्रतिनिधियों, ब्लड बैंक के प्रतिनिधि सहित अन्य शामिल हुए. मीटिंग में डीडीसी ने डेंगू के रोकथाम के लिए सिविल सर्जन को सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, रेफरल अस्पतालों तथा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में रैपिड रिस्पॉन्स टीम को सक्रिय रखने का निर्देश दिया. साथ ही डेंगू पीड़ित मरीज की पहचान होने पर प्रभावित इलाके में फाॅगिंग व टेमीफॉस का नियमित छिड़काव करवाने को कहा. सभी नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारियों को सभी तरह का निरोधात्मक व सतर्कता को लेकर कार्रवाई सुनिश्चित करने की बात भी कही. उन्होंने स्कूल- कॉलेज के छात्रों को डेंगू के प्रकोप से बचाने के लिए कहा कि सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों तथा सभी महाविद्यालयों में हेल्थ एडवायजरी का अनुपालन हो. विद्यार्थियों को पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े/ड्रेस का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.

अक्टूबर तक डेंगू की यही स्थिति रहने की संभावना

डीडीसी तनय सुल्तानिया ने कहा कि डेंगू पीड़ित मरीजों का रिकॉवरी रेट अच्छा है. इसे लेकर लोगों को पैनिक नहीं होने की जरूरत है. डेंगू संक्रमण के प्रबंधन में प्लेटलेट्स की सुगम उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ब्लड बैंक कोषांग का गठन किया गया है. प्रमुख चिकित्सा संस्थानों के निदेशक/अधीक्षक एवं ब्लड बैंक हेतु नामित नोडल पदाधिकारियों से समन्वय के लिए दंडाधिकारियों को तैनात किया जा रहा है. सरकारी रक्त केन्द्रों द्वारा निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए प्रोसेसिंग शुल्क निर्धारित है. निर्धारित राशि से अधिक की राशि लिए जाने की शिकायत आने पर दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. बैठक में चिकित्सा विशेषज्ञों ने बताया कि अक्टूबर महीना तक डेंगू की यही स्थिति रहने की संभावना है. इसके पश्चात स्थिति में सुधार आएगा.

सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क जांच की व्यवस्था

डीडीसी ने कहा कि पीएमसीएच, एनएमसीएच, आइजीआइएमएस, एम्स, आरआइआरएम अगमकुआ व न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल में एलिसा बेस्ड एनएसवन व एलजीएम कीट से निःशुल्क जांच की व्यवस्था उपलब्ध है. लोगों को दलालों के बहकावे में नहीं आना चाहिए. पीएमसीएच में 34 बेड, एनएमसीएच में 30 बेड व गुरु गोबिन्द सिंह अस्पताल पटना सिटी में 10 बेड डेडिकेटेड रखा गया है. सभी अनुमंडल अस्पतालों में पांच-पांच बेड तथा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में दो-दो बेड सुरक्षित रखा गया है.

रक्त केंद्रों में निर्धारित प्रोसेसिंग शुल्क

डीडीसी ने बताया कि पीएमसीएच में 14 व एनएमसीएच में सात मरीज भर्ती है. सरकारी रक्त केन्द्रों द्वारा निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए प्रोसेसिंग शुल्क निर्धारित है. प्लेटलेट कॉन्सन्ट्रेट (आरडीपी) के लिए 400 रुपये तथा ऐपहेरेसिस (एसडीपी) के लिए 7500 रुपये है. प्राइवेट रक्त केन्द्रों द्वारा अधिकतम प्रोसेसिंग शुल्क भी निर्धारित है. प्लेटलेट कॉन्सन्ट्रेट (आरडीपी) के लिए 400 रुपये तथा ऐपहेरेसिस (एसडीपी) के लिए 11000 रुपये है.

डेंगू से प्रभावित मरीजों की संख्या 254

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ सुभाष चंद्र प्रसाद ने बताया कि डेंगू से प्रभावित मरीजों की संख्या 254 है. प्राईवेट अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि उनके यहां पर्याप्त मात्रा में बेड की उपलब्धता है.

डेंगू नियंत्रण कक्ष की स्थापना

डीएम के निर्देश पर सिविल सर्जन द्वारा डेंगू नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है. नियंत्रण कक्ष में दूरभाष संख्या 0612-2951964 को अटेंड करने के लिए तीन पालियों में कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है. इस पर लोग हॉस्पिटलाईजेशन, बेड की उपलब्धता, ब्लड की आवश्यकता, ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की उपलब्धता आदि से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. इसके साथ ही 28 फाइलेरिया कर्मी की प्रतिनियुक्ति नगर निगम के विभिन्न अंचलों में की गयी है. बैठक में राज्य सर्विलेंस ऑफिसर डॉ रंजीत कुमार, सिविल सर्जन डॉ श्रवण कुमार, जिला वेक्टरजनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ सुभाष चंद्र प्रसाद, डीपीएम स्वास्थ्य डॉ विवेक कुमार सिंह, आइडीएसपी पदाधिकारी प्रशांत कुमार सहित महावीर कैंसर संस्थान व अन्य अस्पतालों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.

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  • डेंगू के कारण एवं लक्षण- डेंगू बीमारी एडिज नामक मच्छर के काटने से होती है, एडिज मच्छर दिन के समय काटता है

डेंगू के लक्षण

  • अचानक तेज सिर दर्द व तेज बुखार

  • मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना

  • आंखों के पीछे दर्द होना

  • जी मिचलाना एवं उल्टी होना

  • गंभीर मामलों में नाक, मुंह, मसूड़ों से खून आना

  • त्वचा पर चकते उभरना

बचाव के उपाय

  • कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फ्रिज की ट्रे, फूलदान इत्यादि को प्रति सप्ताह खाली करें व धूप में सुखाकर प्रयोग करें.

  • नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन व टायरों में पानी जमा नहीं होने दें.

  • घरों के दरवाजे व खिड़कियों में जाली/परदे लगायें.

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