साइबर क्राइम: भागलपुर की महिला वकील को फर्जी लिंक से फंसाया, अब अश्लील फोटो-वीडियो भेज कर रहा ब्लैकमेल
सोशल मीडिया पर ऑनलाइन लोन मुहैया कराये जाने का दिखा था एड. एप डाउनलोड करते ही फोन का एक्सेस साइबर अपराधियों के पास चला गया. महिला अधिवक्ता के द्वारा दिये गये आवेदन के आधार पर केस दर्ज कर उक्त मोबाइल को जांच के लिए साइबर सेल को भेज दिया गया है.
बढ़ती हुई ऑनलाईन सेवाओं के साथ ही साइबर क्राइम कि घटना भी बढ़ रही है. आये दिन साइबर क्राइम कि चौंकाने वाली घटना हमें देखने को मिलती है. कुछ इसी तरह की घटना भागलपुर में सामने आयी है जहां ऑनलाइन लोन मुहैया कराने का दावा करने वाले मैसेज के साथ आये लिंक पर क्लिक करना एक महिला अधिवक्ता को भारी पड़ गया. अब साइबर अपराधी महिला अधिवक्ता पर पैसे देने का दबाव बना रहे हैं और नहीं देने पर महिला के फोटो एडिट कर अश्लील फोटो व वीडियो उनके कांटेक्ट लिस्ट में मौजूद लोगों को भेज रहे हैं. इस बात की शिकायत लेकर रविवार को जोगसर थाना पहुंची महिला अधिवक्ता और उनके पति ने पूरी घटना की जानकारी पुलिस को दी.
लिंक पर क्लिक करते ही अपराधियों के हाथ लगा फोन का एक्सेस
उन्होंने बताया कि कुछ दिन पूर्व उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर घर बैठे ऑनलाइन लोन मुहैया कराये जाने का एड दिखा. उन्होंने क्लिक किया, तो पेज पर मौजूद एक लिंक पर क्लिक कर एप डाउनलोड करने को कहा गया. उक्त लिंक को क्लिक करने के बाद एप डाउनलोड होने के बाद उसे खोलते ही टर्म्स एंड कंडिशन वाला पेज खुला और उक्त पेज पर परमिशन ग्रांट के ऑप्शन पर क्लिक करने को कहा गया. जैसे ही उन्होंने उक्त ऑप्शन पर क्लिक किया तो साइबर अपराधियों ने उनके मोबाइल के कांटेक्ट बुक, गैलरी व कई अन्य एप्लिकेशन का एक्सेस ले लिया. हालांकि, उन्होंने उक्त एप से कोई भी लोन नहीं लिया.
साइबर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया
उक्त घटना के दो दिन बाद से ही उनके मोबाइल पर अलग-अलग नंबरों से कॉल आने लगा. कॉल करने वाला व्यक्ति एप का नाम लेते हुए उनके द्वारा लोन लिये जाने और उसे चुकता करने की धमकी देने लगा. पैसे देने से मना करने पर उनके गैलरी में मौजूद फोटो और वीडियो को एडिट कर उनके कांटेक्ट लिस्ट में मौजूद लोगों को भेजने लगा. मामले में जोगसर पुलिस ने महिला अधिवक्ता के द्वारा दिये गये आवेदन के आधार पर केस दर्ज कर उक्त मोबाइल को जांच के लिए साइबर सेल को भेज दिया. थानाध्यक्ष एसआइ रंजीत कुमार ने बताया कि साइबर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. मामले में साइबर सेल का सहयोग लिया जा रहा है. मामला गंभीर है, इसकी जानकारी वरीय पुलिस अधिकारियों को भी दी गयी है.