Bihar Land Registry: बिहार में जमाबंदी के नये नियम लागू होने के बाद जमीन रजिस्ट्री में कई तरह की हो रही परेशानियों को देखते हुए मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने एक नया गाइडलाइन जारी किया है. इसके तहत अब रजिस्ट्री होने वाले हर दस्तावेज में विभाग की तरफ से 18 बिंदुओं पर जारी घोषणा पत्र विक्रेता के हस्ताक्षर से ‘हां’ व ‘ना’ में जवाब के साथ लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. यह नियम रजिस्ट्री ऑफिस ने बुधवार से ही लागू कर दिया है.
नए नियम के बाद प्रभावित हुई जमीन रजिस्ट्री
विभाग की तरफ से यह व्यवस्था इसलिए लागू की गई है क्योंकि जमाबंदी के नये नियम लागू होने के बाद जमीन रजिस्ट्री काफी प्रभावित हो गई है. बहुत सारे जमाबंदी को अंचल ऑफिस ने ऑनलाइन नहीं किया है. ऑफलाइन जमाबंदी का रसीद उपलब्ध होने पर भी रजिस्ट्री नहीं हो पा रही थी. इसके अलावा भी कई तरह की परेशानियां हो रही थी.
सरकार स्तर पर मंथन होने के बाद विभाग ने कई ऐसे प्वाइंट को तैयार किया है, जो कॉमन है. इसपर ‘हां’ व ‘ना’ में जवाब प्राप्त करते हुए जमीन के विक्रेता से एक स्व हस्ताक्षरित शपथ पत्र लिया जाएगा. इसके बाद ही जमीन की रजिस्ट्री होगी. ताकि, भविष्य में किसी तरह की परेशानी जमीन के क्रेता के साथ विभाग को नहीं हो सके.
शपथ पत्र में इन बिंदुओं पर देना होगा जवाब
- क्या जमाबंदी मेरे नाम पर कायम है.
- जमाबंदी सृजन का कौन सा साक्ष्य संलग्न है.
- क्या जमाबंदी संयुक्त रूप से कायम है.
- यदि जमाबंदी संयुक्त है तो अपने हिस्से की भूमि विक्रय/दान कर रहे हैं.
- यदि जमाबंदी में कोई त्रुटि हो तो विवरण उल्लेख करें.
- क्या संपत्ति विवरण में कोई त्रुटि है.
- क्या जमाबंदी विक्रेता/दान कर्ता के नाम से कायम है.
- क्या शहरी संपत्ति का होल्डिंग कायम है.
- क्या होल्डिंग विक्रेता/दानकर्ता के नाम से कायम है.
- क्या संपत्ति शहरी क्षेत्र में अवस्थित फ्लैट/अपार्टमेंट है.
- यह हां तो होल्डिंग के साक्ष्य में क्या संलग्न है.
- क्या संपत्ति ग्रामीण क्षेत्र में अवस्थित फ्लैट है.
- क्या भूमि टोपो लैंड से संबंधित है. टोपो लैंड की भूमि की जमाबंदी का साक्ष्य संलग्न है.
- यदि साक्ष्य संलग्न है, तो कौनसा दस्तावेज है.
- टोपो लैंड की भूमि की जमाबंदी का साक्ष्य
21 फरवरी से पहले रजिस्टर्ड दस्तावेज की सुधार में जमाबंदी की आवश्यकता नहीं
विभाग की तरफ से ऐसे रजिस्टर्ड दस्तावेजों की दोबारा अनुपूरक सुधार पत्र की रजिस्ट्री में जमाबंदी को खत्म कर दिया गया है, जिसकी रजिस्ट्री 21 फरवरी से पहले हुई है. सरकार की तरफ से पत्र जारी होने से पूर्व अगर किसी दस्तावेज की रजिस्ट्री हुई है. इसमें खाता, खेसरा के साथ जमाबंदी से संबंधित कोई त्रुटि हो गयी है. मामले की जानकारी होने पर दोबारा सुधार के लिए रजिस्ट्री होती है, तब जमाबंदी का नया नियम ऐसे दस्तावेजों की रजिस्ट्री पर लागू नहीं होगा.