आतंकी हमलों से डरे प्रवासी रोजी-रोटी छोड़ लौट रहे घर, कश्मीर में 12 दिनों में चार बिहारियों की हुई हत्या
Bihar News: जम्मू कश्मीर में गैर स्थानीय लोगों पर आतंकी हमलों के बीच कश्मीर घाटी में रह रहे प्रवासियों का पलायन तेज हो गया है. रविवार को कुलगाम जिले में बिहार के दो श्रमिकों की हत्या के बाद घाटी छोड़नेवाले प्रवासियों की संख्या तेजी से बढ़ी है.
Bihar News: जम्मू कश्मीर में गैर स्थानीय लोगों पर आतंकी हमलों के बीच कश्मीर घाटी में रह रहे प्रवासियों का पलायन तेज हो गया है. रविवार को कुलगाम जिले में बिहार के दो श्रमिकों की हत्या के बाद घाटी छोड़नेवाले प्रवासियों की संख्या तेजी से बढ़ी है. सोमवार को जब कश्मीर से टैक्सी व बसों का जम्मू पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ, तो उनमें प्रवासी ही सबसे ज्यादा थे. जम्मू स्टेशन पर प्रवासियों की भीड़ देखने को मिली. सभी घर जाने वाली ट्रेनों को पकड़ने का इंतजार कर रहे थे.
हमने तो सिर्फ दो जून की रोटी चाही, दूसरे राज्यों को पसीने से सींचा, फिर किस गुनाह की सजा दी : बिहार की श्रमशक्ति ने सभी राज्यों को अपनी मेहनत से संवारा है, संवार रहे हैं. इसके एवज में उन्हें सिर्फ इतने पैसे चाहिए, जितने में परिवार का भरण-पोषण कर सकें. पर बिना कसूर के उनकी हत्या हो रही है. उनके परिजन पूछ रहे हैं कि हमारे घरवाले तो मजदूर थे. वो भला किसी का क्या बिगाड़ सकते थे. फिर क्यों आतंकियों ने हमारे घर के चिराग को बुझा दिया.
कश्मीर को बिहारियों के हवाले कर दें पीएम : मांझी
हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से आग्रह है कि वे कश्मीर को सुधारने की जिम्मेदारी हम बिहारियों पर छोड़ दें. बिहारी 15 दिनों में वहां के हालात सुधार देंगे. एक बिहार सब पर भारी होता है.
कश्मीर में 12 दिनों में चार बिहारियों की हुई हत्या
-
16 अक्तूबर को मारे गये अरविंद कुमार साह का शव बांका के परघड़ी गांव पहुंचा
-
17 अक्तूबर को मारे गये अररिया के राजा ऋषिदेव व जोगेंद्र ऋषिदेव के घर जाकर सांसद ने बंधाया ढांढ़स
-
कश्मीर के अस्पताल में भर्ती घायल चुनचुन ऋषिदेव की हालत ऑपरेशन के बाद बतायी जा रही बेहतर
Posted by: Radheshyam Kushwaha