126 साल बाद बिहार के इस शहर का बदलेगा भूगोल, नगर पर्षद ने क्षेत्रफल बढ़ाने भेजा प्रस्ताव, ये इलाके होंगे शामिल

नगर पर्षद ने नगर विकास विभाग के निर्देश पर भभुआ शहर से सटे 35 गांवों को नगर पर्षद क्षेत्र में शामिल करने का प्रस्ताव बना कर स्वीकृति के लिए डीएम को भेजा है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 6, 2021 12:21 PM

भभुआ सदर. भभुआ नगरपालिका के 126 साल के इतिहास में पहली बार नगर पर्षद क्षेत्र के दायरे का विस्तार होनेवाला है.

नगर पर्षद ने नगर विकास विभाग के निर्देश पर भभुआ शहर से सटे 35 गांवों को नगर पर्षद क्षेत्र में शामिल करने का प्रस्ताव बना कर स्वीकृति के लिए डीएम को भेजा है.

नगर पर्षद ने नगर विकास विभाग के निर्देश पर भभुआ शहर से सटे 35 गांवों को नगर पर्षद क्षेत्र में शामिल करने का प्रस्ताव बना कर स्वीकृति के लिए डीएम को भेजा है.डीएम से स्वीकृति मिलने के बाद नगर पर्षद भभुआ का क्षेत्रफल बेतरी, कुड़ासन, नौआझोटी, कोरी मधुपुर से लेकर पढ़ौती, खीरी भगवानपुर व चैनपुर के सीमा क्षेत्र तक बढ़ जायेगी.

मंगलवार को शहरी परिसीमन को बढ़ाने को लेकर नगर पर्षद कार्यालय में बैठक की गयी. बैठक में नप इओ संजय उपाध्याय, नप सभापति प्रतिनिधि बबलू तिवारी, सिटी मैनेजर इसराफिल अंसारी द्वारा नप क्षेत्र के परिसीमन का प्रस्ताव बना कर डीएम को भेजा गया है.

दरअसल, 15 जनवरी 1896 को भभुआ नगरपालिका का गठन हुआ था. इसके पहले प्रशासक अंग्रेज अफसर जेके एरो ढिल्लन को बनाया गया था. उस वक्त बिहार, बंगाल और ओड़िशा एक की राज्य के तहत आते थे.

इसके बाद सात अक्तूबर 1941 को भभुआ नगरपालिका के पहले भारतीय चेयरमैन वंशलोचन लाल बने. उस वक्त भभुआ नगर क्षेत्र महज छह वार्डों में सिमटा हुआ था. इसके बाद भी भभुआ नगर क्षेत्र का विस्तार नहीं किया जा सका.

हालांकि, 1978 में जब भभुआ क्षेत्र छह वार्ड में था, तो इसी क्षेत्रफल में शहर में वार्डों की संख्या 10 कर दी गयी थी. फिर पुनः इसी क्षेत्रफल में 16 वार्ड बनाये गये और आगे चल कर 25 वार्ड कर दिये गये. लेकिन, इतने कवायद के बाद भी भभुआ नगर पर्षद का क्षेत्रफल विस्तार नहीं किया जा सका था.

यह पहली बार है कि भभुआ नगर पर्षद क्षेत्रफल का विस्तार का प्रस्ताव बना कर डीएम को भेजा जा रहा है. दरअसल, बेतरतीब विकास से जूझ रहे भभुआ शहर का कायाकल्प करने की कवायद पिछले कई वर्षों से अधर में रही है.

हाल के वर्षों में सड़कों से लेकर गलियों, नालियों समेत अन्य बुनियादी सहूलियतों में बेहतरी लायी गयी है. लेकिन, मुकम्मल मास्टर प्लान दूर की कौड़ी बनी हुई थी. ऐसे में मास्टर प्लान को डीएम के पास मंजूरी के लिए भेजे जाने से शहर के भावी विकास की उम्मीदें बंधने जा रही है.

यहां-यहां बढ़ेगा शहर का दायरा

  • उत्तर पश्चिमी भाग : भभुआ सीडी ब्लॉक के नउवांझोंटी, खजुरिया, डारीडीह, रुइयां, सिरली, गोपालपुर, सेमरियां, बजरियां,

  • दक्षिण पूर्वि भाग: भगवानपुर सीडी ब्लॉक के पढ़ौती, परमालपुर, खिरी, भगवानपुर, मसहीं, सरैयां, उमापुर, डिहाखुदई

  • पूर्व उत्तर : भभुआ सीडी ब्लॉक के जलालपुर, मधुपुर, कोरी, खैरा, ऊफरवलियां, पचगांव, कुकुराढ़, रतीचक, मल्लाहपुरवा, अमाढ़ी, सैंथा से होते हुए भगवानपुर सीडी ब्लॉक के कोभारी, महेंद्रवार राजस्व ग्राम तक

  • पश्चिम दक्षिण भाग : भभुआ सीडी ब्लॉक के मोकरी राजस्व ग्राम से होते हुए चैनपुर सीडी ब्लॉक के बसरा, परसिया, बसावनपुर बेतरी, कुड़ासन से होते हुए भभुआ सीडी ब्लॉक के सरेंवा राजस्व ग्राम तक

गांव को मिलेंगी शहर की सुविधाएं

शहर से सटे बेतरी, कुड़ासन, भगवानपुर, पढाउती, परमालपुर, कुकुराढ़, मधुपुर, खैरा, कोचड़ी, महेंद्रवार, चैनपुर ओपी ब्लॉक के 10 किलोमीटर दूर तक के गांव शामिल किये जा रहे हैं. यह गांव शहर से कम दूर जरूर हैं.

लेकिन इन गांव में अभी शहर जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है. यहां तक कि इन गांव से गंदगी भी दूर नहीं हो पायी है और विकास कोसों दूर हैं. अब नगर पालिका में आने से परिसीमन क्षेत्र में आये यह गांव भी विकसित होंगे.

उल्लेखनीय है कि भभुआ शहर का बहुत ऐसा क्षेत्र है, जहां पर आबादी तो है, लेकिन अभी तक वह नगर पर्षद के दायरे में शामिल नहीं है. इससे यहां के निवासियों को शहर में रहते हुए भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है. नगर पर्षद के प्रस्ताव को डीएम से मंजूरी मिलने के बाद शायद इन क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को अधिक दिनों तक इन समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा.

नगर पर्षद का दायरा बढ़ने से लोगों को जहां एक तरफ मूलभूत सुविधाएं मिलेंगी, वहीं वोट डालने का अधिकार मिलेगा. लोगों को पेयजल, बिजली, सीवर, की समस्या दूर होने के साथ राशन कार्ड बनवाना, वोटर कार्ड, गृह कर, प्रॉपर्टी पर लोन, नक्शा पास करवाने और अनापत्ति प्रमाणपत्र मिल सकेंगे.

Posted by Ashish Jha

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