12वीं की परीक्षा के बाद रिजल्ट तक समय ना करे बर्बाद, ऑनलाइन कोर्स से घर बैठे बढ़ाए स्किल, करे ये कोर्स
मल्टी टास्किंग और एक वक्त में कई तरह की स्किल्स डेवलप करने के लिए स्टूडेंट्स 12वीं के बाद ई-लर्निंग कोर्स कर सकते है. 12वीं की परीक्षा के बाद अब छात्रों का समय बर्बाद नहीं होगा. छात्र ऑनलाइन मोड पर इंटरनेट पर उपलब्ध कई सारे कोर्स कर सकते है.
कोरोना के बाद ई-लर्निंग की डिमांड बढ़ गई है. मल्टी टास्किंग और एक वक्त में कई तरह की स्किल्स डेवलप करने के लिए स्टूडेंट्स 12वीं के बाद ई-लर्निंग कोर्स कर सकते है. 12वीं की परीक्षा के बाद अब छात्रों का समय बर्बाद नहीं होगा. छात्र ऑनलाइन मोड पर इंटरनेट पर उपलब्ध कई सारे कोर्स कर सकते है. कई कोर्स मुफ़्त में भी उपलब्ध है. छात्र औडियो विडिओ माध्यम से कोर्स कर सकते है साथ ही पढ़ते वक्त सवाल जवाब भी कर सकते है. आज की तारीख में जिस कोर्स में बच्चें दिलचस्पी दिखा रहे है, वह कुछ इस प्रकार है:
डिजिटल मार्केटिंग डिप्लोमा
इन दिनों सबसे ज्यादा अगर कोई कोर्स और कोई प्रोफेशन डिमांड पर है तो वह है डिजिटल मार्केटिंग का कोर्स. इस कोर्स को 12वीं पास या ग्रेजुएट उम्मीदवार भी कर सकते हैं. शॉर्ट टर्म कोर्स में यह कोर्स 3 से 12 महीने की हो सकती है. बता दें कि यह कोर्स ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों मोड में की जा सकती है. इस कोर्स को करने के बाद एग्जीक्यूटिव, मैनेजर, स्पेशलिस्ट और मार्केटर के तौर पर नौकरी मिलती है. जैसा कि हम देख सकते हैं लगभग हर सेक्टर डिजिटल पर डिपेंड होता जा रहा है. ऐसे में इस कोर्स को करने वाले छात्र भविष्य में बहुत अच्छे पद पर नौकरी पा सकते हैं और लाखों रुपए कमा सकते हैं.
डिप्लोमा इन फोटोग्राफी
इंडिविजुअल प्रोफेशन की अगर बात करें तो फोटोग्राफी की भी मांग इन दिनों काफी बढ़ती हुई नजर आ रही है. जिन युवाओं का मन फोटोग्राफी में लगता है उन्हें डिप्लोमा इन फोटोग्राफी करना चाहिए. यह बेहतरीन शॉर्ट टर्म कोर्स होता है या ज्यादा से ज्यादा 6 महीने का कोर्स होगा जिसमें फोटोग्राफी के स्पेशलाइजेशन पर कमांड कराई जाएगी. 12वीं के बाद भी छात्र इसे कर सकते हैं. इसे करने के बाद फोटोग्राफर, फैशन फोटोग्राफर, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर और न्यूज़ फोटोग्राफर जैसे पदों पर नौकरियां मिल सकती हैं. इसके अलावा बेहतरीन फोटोग्राफी से खुद का बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं.
होटल मैनेजमेंट में डिप्लोमा
मैनेजमेंट की अगर बात करें तो सबसे ज्यादा प्रचलित है होटल मैनेजमेंट कोर्स. बता दें कि इस कोर्स को 12वीं के बाद भी किया जा सकता है. यह कोर्स 6 महीने से 1 साल तक की अवधि वाला होता है. इसके अलावा 2 साल का एडवांस डिप्लोमा भी किया जा सकता है. इस कोर्स को करने के बाद शेफ, रिसेप्शनिस्ट, रूम सर्विस स्टाफ और मैनेजर जैसे पदों पर नौकरियां मिल सकती हैं.
स्पीकिंग इन पब्लिक
गूगल द्वारा कराए जा रहे इस कोर्स में आपको पब्लिक में बोलने और प्रभावी ढंग से बात रखने आदि के बारे में बताया जाएग. इसके अलावा, बोलते समय आपकी बॉडी लैंग्वेज कैसी हो, आपका प्रोफेशनल प्रजेंटेशन कैसा हो, इसके बारे में भी सिखाया जाएगा. इस कोर्स में 1 मॉड्यूल है. कोर्स शुरुआती स्तर का है. इसमें वीडियो ट्यूटोरियल्स आदि भी उपलब्ध कराए जाएंगे.
इंग्लिश फॉर करियर डेवलपमेंट
इस कोर्स को पेनसेलवेनिया यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार किया गया है. इस कोर्स को अंग्रेजी के बारे में ज्यादा जानकारी न रखने वालों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है. इस कोर्स में प्रोफेशनल रिज्यूमे बनाना, कवर लेटर बनाना, नेटवर्किंग और इंटरव्यू स्किल के बारे में जानकारी दी जाएगी.
इंफ्लुअसिंग पीपल
इस कोर्स को मिशिगन यूनिवर्सिटी द्वारा बनाया गया है. इसमें आप लोगों को वाकशैली और पर्सनैलिटी से कैसे प्रभावित करते हैं, उसके बारे में सिखाया जाएगा. इसके आपको बेहतर वक्ता और लीडर बनने में मदद मिलेगी. इसके अलावा बिजनेस आइडिया को रखने, स्टेकहोल्डर से गठबंधन करने आदि के लिए यह मददगार होगा.
ई-लर्निंग के वक्त कान्सन्ट्रैशन है जरूरी
ऑडियो-विजुअल कंटेंट के माध्यम से ई-लर्निंग में पढ़ाई मजेदार और आसान हो जाती है. साथ ही छात्र मुश्किल टास्क को भी आसानी से समझ लेते हैं. हालांकि कई बार पढ़ाई के दौरान स्टूडेंट्स का ध्यान मोबाइल और दोस्तों के साथ बातें करने में निकल जाता है. इसलिए ई-लर्निंग के जरिए कोर्स करते वक्त ध्यान लगाना बहुत जरूरी है.
ई-लर्निंग कोर्स करते समय इन बातों का रखे ध्यान:
बता दे की जैसे जैसे ई-लर्निंग कोर्स की मांग बढ़ रही है, वैसे ही फर्जी डिग्री देने वाले संस्थानों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. ई-लर्निंग के जरिए कोई कोर्स करने से पहले संस्थान का चुनाव करने के लिए भी कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत है ताकि आपका वक्त, पैसा और मेहनत बेकार न जाए.
1- किसी भी ऑनलाइन कोर्स joको करने से पहले इंस्टीट्यूट या यूनिवर्सिटी की एक्रेडिशन या एफिलिएशन की जांच अवश्य करें. किसी भी एजुकेशन संस्थान को डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो, यूनिर्वसिटी ग्रांट्स कमीशन और शिक्षा मंत्रालय द्वारा मान्यता दी जाती है. कोर्स का चुनाव करने से पहले संस्थान की मान्यता चेक करें.
2- इंटरनेट पर असल यूनिवर्सिटी और संस्थान की फेक वेबसाइट तक मौजूद हैं. इसलिए कोर्स को ज्वाइन करने से पहले वेबसाइट की जांच अच्छी तरह से करें. अगर किसी मशहूर नाम के आगे-पीछे कुछ जुड़ा हुआ है या स्पेलिंग में कोई गलती है तो उसे ज्वाइन करने से बचें.
3- एडमिशन के वक्त संस्थान जॉब को लेकर बड़े ऊंचे दावे करते हैं. बेहतर रहेगा कि आप खुद ही संस्थान का जॉब प्लेसमेंट रिकॉर्ड चेक कर लें. किसी कोर्स में एडमिशन लेते वक्त पुराने स्टूडेंट्स से बात जरूर करें. इससे सही जानकारी मिल जाएगी.
4- किसी भी ई-लर्निंग कोर्स का चुनाव करने से पहले अपने और क्लास के टाइमटेबल को क्रॉस चेक जरूर करें. आज-कल देखा जाता है कि बच्चे ई-लर्निंग कोर्स को ज्वाइन तो कर लेते हैं, लेकिन रेगुलर क्लास से टाइम क्रैश होने की वजह से वो ये वाली क्लासेस अटेंड नहीं कर पाते हैं.
5- आर्थिक तौर पर कमजोर स्टूडेंट्स जो ई-लर्निंग कर रहे हैं, वो इसे पार्ट टाइम में भी कर सकते हैं. पार्ट टाइम में पढ़ाई करते वक्त ध्यान दें कि इसके लिए भी आपको पर्याप्त वक्त निकालने की जरूरत है.