एयरपोर्ट के बाद अब पूर्णिया को चाहिए केंद्रीय विश्वविद्यालय, पीएम मोदी से लगायी गुहार
पूर्णिया में केंद्रीय विश्वविद्यालय को लेकर उठ रही आवाज अब प्रधानमंत्री तक पहुंचने लगी है. पहली जनवरी को प्रभात खबर ने इस मांग को मुहिम का शक्ल देने की पहल की. चंद रोज में ही कोसी-सीमांचल के प्रबुद्धजन अपने-अपने स्तर से केंद्र सरकार तक इस मांग को पहुंचाने में जुट गये हैं.
पूर्णिया. एयरपोर्ट की मांग पूरी होने के बाद अब नये साल में पूर्णिया में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग को उठने लगी है. एम्स के बाद यह दूसरी ऐसी मांग है जो केंद्र सरकार से शहर के लोग कर रहे हैं. इस लेकर उठ रही आवाज अब प्रधानमंत्री तक पहुंचने लगी है. पहली जनवरी को प्रभात खबर ने इस मांग को मुहिम का शक्ल देने की पहल की. चंद रोज में ही कोसी-सीमांचल के प्रबुद्धजन अपने-अपने स्तर से केंद्र सरकार तक इस मांग को पहुंचाने में जुट गये हैं.
लोकसभा चुनाव से पहले हो घोषणा
इसी कड़ी में एक समाजसेवी ने वर्चुअल माध्यम से प्रधानमंत्री को पत्र दिया है. इसमें ना सिर्फ प्रधानमंत्री के समक्ष मांग रखी गयी है बल्कि उसे चालू वित्तीय वर्ष में ही पूरा करने की अपेक्षा प्रकट की है. पीएम को दिये पत्र में मांग की है कि उपेक्षाओं एवं पिछड़ेपन से ओत-प्रोत करोड़ों आबादी की वर्तमान युवा पीढ़ी और भावी पीढियों को भी केंद्रीय विश्वविद्यालय में पढ़ाई-लिखाई एवं रिसर्च करने का मूल्यवान अवसर भारत सरकार को देना चाहिए. भारत सरकार को गंभीरतापूर्वक एवं सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए शीघ्रता एवं तीव्रता के साथ पूर्णिया में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा लोकसभा चुनाव 2024 के पहले करनी चाहिए.
तीन राज्य और पड़ोसी देश का सधेगा हित
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में समाजसेवी विजय श्रीवास्तव ने स्पष्ट तौर पर उल्लेख किया है कि पूर्णिया में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना होने के बाद बिहार के नौ जिले, पड़ोसी राज्य बंगाल और पड़ोसी देश तक आच्छादन होगा. उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में बिहार राज्य के स्टेट यूनिवर्सिटी के रूप में स्थापित पूर्णिया विश्वविद्यालय आज भी अपने संपूर्ण स्वरूप के लिए लालायित है. ऐसे में पूर्णिया में केंद्रीय विवि की स्थापना से मेधावी व गरीब बच्चों की उम्मीदें पूरी होंगी.
सामान्य आर्थिक पृष्ठभूमि के छात्र होंगे लाभान्वित
पूर्णिया कॉलेज के कॉमर्स विभाग के प्रो राजेश सर्वनारायण झा ने बताया कि पूर्णिया में केंद्रीय विश्वविद्यालय छात्रों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने में मदद करेगा क्योंकि केंद्रीय विश्वविद्यालय अपने उच्च शैक्षणिक मानकों और विश्व स्तरीय शिक्षा के लिए जाने जाते हैं. शोध पर उनका विशेष ध्यान होता है. वे केंद्रीकृत वित्त पोषण प्राप्त करते हैं. पूर्णिया में केंद्रीय विवि होने से सामान्य आर्थिक पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों को गुणात्मक शैक्षणिक प्रक्रियाओं तक पहुंचने का अवसर प्राप्त होगा.
बेहतर कॅरियर के लिए केंद्रीय विवि जरूरी
पूर्णिया विवि के गणित विभाग के डॉ. नवनीत कुमार ने बताया कि पूर्णिया बिहार का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है. हर वर्ष यहा आसपास के शहरों,ग्रामीण इलाकों से हजारों विद्यार्थी पढ़ने आतें हैं और यहां से हजारों विद्यार्थी विभिन्न विषयों को पढ़ने बाहर के शहरों का रूख करते हैं. यहां पर केंद्रीय विश्वविद्यालय होने से छात्र-छात्राओं को पारंपरिक विषयों के अतिरिक्त अपने ज्ञान का दायरा विस्तृत करने का मौका मिलेगा जो कॅरियर भी बेहतर बनायेगा.
खास बातें
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– संयुक्त बिहार-बंगाल का सबसे पुराना जिला
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– प्रभावित क्षेत्र की आबादी करीब पांच करोड़
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-50 किमी दूरी पर बंगाल व झारखंड
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– 100 किमी दूरी पर नेपाल व अन्य पड़ोसी देश
इसलिए जरूरी
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– साक्षरता 52 प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से नीचे
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– सकल नामांकन अनुपात महज 15 फीसदी
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– साइंस-कॉमर्स संकाय में सर्वाधिक ड्रॉपआउट
25 साल से पूर्णिया इसका हकदार
पूर्णिया कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. सुनील कुमार ने बताया कि मुझे तो लगता है कि आज से कम से कम 25 वर्ष पूर्व यहां केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना हो जानी चाहिए थी. पूर्णिया जिले के स्वर्णिम इतिहास तथा इसकी आर्थिक- सामाजिक आवश्यकताओं को देखते हुए तत्काल केंद्रीय विश्वविद्यालय की घोषणा की जानी चाहिए. कोई भी उच्च शिक्षा संस्थान केवल शोध कार्य तथा शिक्षा को ही बढ़ावा नहीं देती हैंबल्कि उस क्षेत्र की पूरी पहचान बदल देती हैं.