मुजफ्फरपुर में सर्दी-खांसी, बुखार के साथ अब बच्चे जांडिस के शिकार होने लगे हैं. एसकेएमसीएच, सदर अस्पताल सहित निजी डॉक्टरों के यहां करीब 10 फीसदी बच्चे जांडिस से पीड़ित होकर पहुंच रहे हैं. कई बच्चे की हालत अधिक खराब होने पर उन्हें भर्ती करने की नौबत आ रही है. जिले के अस्पतालों में 25 बच्चे भर्ती हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है. अन्य बच्चे घर पर ही इलाजरत हैं. बारिश शुरू होने के साथ जिले में जांडिस का प्रकोप बढ़ने लगा है.
डॉक्टर का कहना है कि जांडिस का मुख्य कारण दूषित पेयजल है. शुद्ध पेयजल के अलावा बाहर की तली-भुनी चीजें खाने के कारण भी यह बीमारी हो रही है. डॉक्टरों का कहना है कि स्वच्छता का ख्याल नहीं रखने के कारण बच्चों को जांडिस हो रहा है. शहर में जलजमाव भी इसकी बड़ी वजह है. गंदे पानी से होकर लौटने के बाद अच्छी तरह हाथों की सफाई नहीं करना है. स्वच्छता का पालन नहीं करने के कारण ही बच्चों को यह बीमारी हो रही है. यदि बच्चे को भूख नहीं लग रही हो और यूरिन पीला हो रहा हो तो अभिभावकों को तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए. देर होने पर बीमारी ज्यादा बढ़ जाती है.
पिछले एक सप्ताह से जांडिस से पीड़ित बच्चों की संख्या काफी बढ़ी है. कई मरीजों को तीन-चार दिनों तक भर्ती कर इलाज करना पड़ रहा है. बारिश के बाद से बीमारी बढ़ रही है. इसका मुख्य कारण अशुद्ध पेयजल है. अभी के मौसम में अभिभावकों को बच्चों का ख्याल रखना चाहिए. घर में सफाई का ध्यान रखना जरूरी है. -डॉ गोपाल शंकर सहनी, विभागाध्यक्ष, शिशु रोग विभाग, एसकेएमसीएच
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बच्चों को बाहर की तली चीजें नहीं दें
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उबला पानी ठंडा कर पीने के लिए दें
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बच्चों को खाने से पहले हाथों को साबुन से साफ करने को कहें
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घर में स्वच्छता का ख्याल रखें
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शरीर की सफाई का भी ख्याल रखें